Parque Folies Music Festival: टीपू खान फ्रांस में फहराएंगे भारतीय कला का परचम

अविनाश पाराशर। हिंदी दिवस के मौके पर फ्रांस में गूजेंगे जयपुर के सुर पर्क्यू फोलीज़ म्यूजिक फेस्टिवल में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व लिगुइल शहर में कल होगा आयोजन

Parque Folies Music Festival: टीपू खान फ्रांस में फहराएंगे भारतीय कला का परचम

Ananya soch: Parque Folies Music Festival

अनन्य सोच। Parque Folies Music Festival: फ्रांस के लिगुइल शहर में हिंदी दिवस पर आयोजित होने वाले परकशन (तालवाद्य) पर्क्यू फोलीज़ म्यूजिक फेस्टिवल में जयपुर के सुर गूजेंगे. मौका होगा, जयपुर बेस्ड इंटरनेशनल आर्टिस्ट टीपू खान की लोक-संस्कृति पर आधारित संगीतमय प्रस्तुति का. इस दौरान देश-विदेश के कलाकार जहां अपनी रिद्म बेस्ड परकशन की प्रस्तुतियां देंगे, वहीं टीपू खान तबले की तिरकिट-धिरकिट और राजस्थानी मांड को अपने सुरीले कंठों में सजाकर विदेशी पावणों को राजस्थान आने का न्यौता देंगे. 

विश्व पटल पर संगीत के जरिए अमिट छाप छोड़ने वाले जयपुर के दिग्गज कलाकार टीपू ख़ान फ्रांस गवर्नमेंट की ओर से आयोजित फेस्टिवल में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगे. उनका यह कार्यक्रम 14 सितंबर भारतीय समय अनुसार शाम 7 बजे से होगा. फेस्टिवल में टीपू खान गायन के साथ तबला वादन और फ्यूजन संगीत का अनूठे अंदाज में प्रदर्शन करेंगे. फ्रांस की धरती पर उनके साथ में विदेशी कलाकार गिटार की धुनों पर जुगलबंदी पेशकर फ्यूजन संगीत के जरिए भारतीय संगीत का परचम लहराएंगे. 

जयपुर के मशहूर संगीत के घरानेदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले टीपू खान अपने संगीत के खानदानी परिवार की सातवीं पीढ़ी के कलाकारों में से एक है. उन्होंने मात्र छह साल की उम्र से ही संगीत सीखना शुरू किया था। उन्हें संगीत की तालीम विरासत में मिली है. उनके पहले गुरु दादा उस्ताद रसूल खां और पिता उस्ताद रफीक मोहम्मद है. टीपू खान ने पिछले 15 सालों में फ्रांस, इटली, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, हांगकांग, स्पेन, यूरोप सहित करीब 90 देशों में अपनी कला के झंडे गाड़े हैं. उन्होंने अपनी आठवीं पीढ़ी के रूप में बेटे सोहेल खान को भी संगीत की शिक्षा दी है। जो इन दिनों अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. 

टीपू खान को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति के अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के समक्ष भी अपनी कला का प्रदर्शन करने का सौभाग्य मिल चुका है.