34 IPS officers transferred: राजस्थान पुलिस में बड़ा फेरबदल: जयपुर कमिश्नर बने सचिन मित्तल

Ananya soch: Major reshuffle in Rajasthan Police: Sachin Mittal becomes Jaipur Commissioner, 34 IPS officers transferred
अनन्य सोच। 34 IPS officers transfer list news: राज्य सरकार ने बुधवार देर रात पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 34 आईपीएस अधिकारियों के तबादले और 5 अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है. इस बदलाव में कई वरिष्ठ डीजी स्तर के अधिकारियों से लेकर जिलों के शीर्ष पदाधिकारियों तक का स्थानांतरण किया गया है. सबसे बड़ा बदलाव जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में हुआ है, जहां बीजू जॉर्ज जोसफ की जगह अब सचिन मित्तल को नया पुलिस कमिश्नर जयपुर नियुक्त किया गया है.
सरकार ने इस फेरबदल के जरिए राज्य की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र को नए सिरे से मजबूत करने का संकेत दिया है. विशेष रूप से आतंकवाद, संगठित अपराध और साइबर अपराध से निपटने के लिए नए स्तर पर रणनीति बनाई गई है
संजय अग्रवाल को डीजी, लॉ एंड ऑर्डर नियुक्त किया गया है. वे पहले इंटेलिजेंस के डीजी थे और अब उन्हें राज्य की कानून-व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं गोविंद गुप्ता को डीजी, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) बनाया गया है। पहले वे जेल विभाग के डीजी थे.
अनिल पालीवाल को डीजी, प्रशिक्षण एवं यातायात की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि आनंद श्रीवास्तव को डीजी, एसओजी और एटीएस नियुक्त किया गया है. यह पहली बार है जब एसओजी-एटीएस के लिए डीजी स्तर का पद सृजित किया गया है. साइबर अपराध और गैंगस्टर गतिविधियों से निपटने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है.
अशोक राठौड़ को डीजी, जेल, जबकि दिनेश एमएन को एडीजी, एटीएस, एजीटीएफ और एएनटीएफ का दायित्व सौंपा गया है. वे राज्य में गैंगस्टर नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं. वीके सिंह, जो अब तक एसओजी-एटीएस में थे, उन्हें एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया है.
इसके अलावा, मालिनी अग्रवाल को डीजी एवं कमांडेंट जनरल, गृह रक्षा, डॉ. प्रशाखा माथुर को एडीजी, आयोजना, आधुनिकीकरण एवं कल्याण, सुष्मित विश्वास को एडीजी, रेलवेज राजस्थान, संजीव कुमार नर्जरी को डायरेक्टर, राजस्थान पुलिस अकादमी, और विशाल बंसल को एडीजी, एसओजी बनाया गया है.
जयपुर में नए पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल से अब राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त करने की उम्मीद है मित्तल को सख्त और व्यवहारिक अधिकारी माना जाता है, जिन्होंने पहले भी कई जिलों में अपनी कार्यशैली से पहचान बनाई है.
इस फेरबदल के बाद राज्य सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार नियंत्रण और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.