Sindhi Academy: सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन
अविनाश पाराशर।
Ananya soch: Sindhi Academy
अनन्य सोच। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में बुधवार को मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया.
अकादमी सचिव योगेन्द्र गुरनानी ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार नन्दिनी पंजवानी ने की. उन्होंने बताया कि गोष्ठी में साहित्यकारों का मत था कि किसी भी भाषा के उत्थान के लिये युवा पीढ़ी को अपनी मातृभाषा से जोड़ने से ही भाषा का विकास संभव है, इसके लिये साहित्यकारों को इस दिशा में सार्थक प्रयास करने होंगे.
गोष्ठी में जयपुर की वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती वीना करचंदानी ने दो कवितायें ’सुपनो’ एवं ’देश प्रेम’ प्रस्तुत की. जिसमें उन्होंने देशभक्ति एवं देशप्रेम का वास्तविक अर्थ बताया. पूजा चांदवानी ने ’डॉ.खेमचंद गोकलाणी हिक बहुगुणी शख्सियत’ विषयक आलेख में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी के जीवन के विविध पहलुओं पर प्रकाश डालते हुये उनके द्वारा सिन्धी साहित्य में दिये गये योगदान को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि उनकी रचनाओं में राष्ट्रभक्ति का जज़्बा, वीरता एवं इश्क-प्यार-मोहब्बत का अधिक समावेश रहा है.
वंदिता आहूजा ने ’सिन्धी भाषा सां नई टहीअ खे जोड़ण में लक्ष्मण हर्दवाणी जी हलचल’ विषयक आलेख में श्री हर्दवाणी के सिन्धी साहित्य में दिये योगदान को रेखांकित करते हुये बताया कि उनकी 10 सिन्धी डिक्शनरी तथा सिन्धी, हिन्दी, मराठी एवं अंग्रेजी भाषा में लगभग 100 पुस्तकें छप चुकी हैं. उन्होंने बच्चों को सरल तरीके से सिन्धी सिखाने के लिये नये-नये तरीके अपनाये साथ ही अत्यन्त सरल भाषा में पुस्तकें लिखी ताकि युवा पीढ़ी सिन्धी भाषा आसान तरीके से जल्दी सीख सके.
निवाई की योग्यता ईसरानी ने ’सतीश रोहिड़ा जे साहित्य में ख्यालनि जी नवाणि’ विषयक आलेख में कहा कि श्री रोहिड़ा नई पीढ़ी को रोजमर्रा के जीवन में अपनी मातृभाषा एवं संस्कृति को अपनाने के पक्षधर थे. उन्होंने युवाओं को अपनी मातृभाषा एवं संस्कृति से जोड़ने के लिये कई नवाचार किये. जयपुर के युवा कलाकार मनोज आडवानी ने ’अदाकारीअ सां आला शख्सियत जी उणत’ विषयक आलेख में बताया कि कलाकार अपनी प्रतिभा से ही ख्याति प्राप्त करता है.
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, नन्दिनी पंजवानी, डा.माला कैलाश, रमेश रंगानी, गजेन्द्र रिझवानी, गोपाल, महेश किशनानी, हर्षा पंजाबी, नमीशा खेमनानी, दयाल ईसरानी, ज्योति पहलवानी, हेमा मलानी, कविता ईसरानी, रिन्ने मीराजा, अशोक आहुजा, डा.एस.के.लोहानी, वासदेव गिरयानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.
गोष्ठी में अकादमी द्वारा सितम्बर माह में आयोजित की जानी वाली ’कविता प्रशिक्षण कार्यशाला’ हेतु साहित्यकारों द्वारा सुझाव प्रस्तुत किये गये। गोष्ठी का संचालन डा.माला कैलाश ने किया। अकादमी सचिव से सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट किया.