लोहड़ी की पूर्व संध्या पर मालवीय नगर में छाई पंजाबी गीतों की बहार

बुहे बारियां  नाले कंदान टप्पके, मैं आवांगी हवा बनके सिंगर मुक्ता चड्ढा और साथी कलाकारों ने सजाई पंजाबी गीत गीतों की शाम 

लोहड़ी की पूर्व संध्या पर मालवीय नगर में छाई पंजाबी गीतों की बहार

Ananya soch

अनन्य सोच। 'बुहे बारियां  नाले कंदान टप्पके, मैं आवांगी हवा बनके'.... जानी मानी गायिका कनिका कपूर के गए इस गीत को जब सिंगर मुक्ता चड्ढा ने आवाज़ दी तो परिसर में मौजूद हर सख्श थिरकने को मजबूर हो गया. मौका था लोहड़ी की पूर्व संध्या पर मालवीय नगर दशहरा मैदान में पंजाबी गीतों के विशेष कार्यक्रम का. 

इस मौके पर अपनी वरसेटाइल  सिंगिंग के लिए पहचानी जाने वाली सिंगर मुक्ता चड्ढा और सारेगामा फेम जयपुर रत्न अवार्डेड सिंगर लियाक़त अली ने कई पारम्परिक पंजाबी और बॉलीवुड हिंदी गीतों की मस्ती भरी धुन से सम्पूर्ण परिसर को लोहड़ी के रंग में रंग लिया. मुक्ता चड्ढा ने इस अवसर पर "काली तेरी चोटी है परांदा तेरा लाल नी" और नूर चहल तथा सरगी मान के गए गीत ऐथे बदलां ओले कोटक किन्ने लुके होए....मेरे वालाँ विचला चीर वे, गली लाहौर दी हाय" सहित कई मस्ती भरे गीत गाकर लोगों का मनोरंजन किया. आयोजकीय संस्था मालवीय नगर पंजाबी वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष प्रमोद गिल्होत्रा, उपाध्यक्ष प्रवीण चड्ढा एवं अनिल सपरा ने बताया की इस मौके पर लोहड़ी दहन भी किया गया I कार्यक्रम का संचालन अनुराधा माथुर ने किया.