भगवान महावीर के जयकारों से शुरु हुआ विश्व प्रसिद्ध महावीर जी का आठ दिवसीय लक्खी मेला
साेमवार 14 अप्रैल को होगा समापन - 10 अप्रैल को महावीर जयंती पर होंगे सेवा के कार्य-- रविवार 13 अप्रैल काे निकलेगी विशाल रथयात्रा-तैयारिया जाेराें पर - उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी होगी मुख्य अतिथि

Ananya soch: The world famous Mahavir Ji's eight day long Lakkhi fair started with the chants of Lord Mahavir
अनन्य सोच। The world famous Mahavir Ji's eight day long Lakkhi mela program: पूरे विश्व को 'जीओ और जीने दो ' का दिव्य संदेश देने वाले, विश्व वन्दनीय जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2624 वां जन्म कल्याणक महोत्सव 10 अप्रैल को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाएगा. इसी कड़ी में भगवान महावीर की परम दिगम्बर मूंगावर्णी अतिशय युक्त प्रतिमा के उद्भव स्थल, भारत का पावन पवित्र शांति तीर्थ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में सोमवार से विश्व प्रसिद्ध लक्खी मेला शुरु हो गया है. यह मेला सोमवार 14 अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान पूरे विश्व से लाखों जैन अजैन श्रद्धालु भगवान महावीर के चरणों में चरण वन्दन करने इस मेले में सहभागिता निभाएंगे. दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल एवं मंत्री सुभाष चन्द जैन ने भट्टारक जी की नसिया में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि साेमवार सोमवार काे मेले की स्थापना हुई. प्रबंधक नेमी कुमार पाटनी ने मुख्य द्वार पर झण्डारोहण कर आठ दिवसीय मेले का आगाज किया. उपाध्यक्ष एस के जैन एवं कोषाध्यक्ष विवेक काला ने बताया कि 8 व 9 अप्रैल काे पूजन,भजन, सामूहिक आरती व शास्त्र प्रवचन हाेंगे. संयुक्त मंत्री पी के जैन ने बताया कि गुरुवार, 10 अप्रैल काे महावीर जयंती समाराेह धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें प्रातः कटला प्रांगण से प्रभातेरी निकलेगी. कटला प्रांगण में झण्डाराेहण के बाद जल यात्रा निकाली जायेगी। तत्पश्चात स्कूल में माेदक वितरण, अस्पताल में मरीजाें काे तथा हिण्डाैन जेल में केदियाें काे फल वितरण किये जायेंगे. दाेपहर में श्री वीर संगीत मण्डल जयपुर के सहयाेग से सामूहिक पूजन हाेगा. अपरान्ह कलशाभिषेक के बाद प्रदर्शनी का उदघाटन किया जावेगा। दिव्यांगाे काे ट्राई साईकिल, कृत्रिम पैर, बैसाखी, कैलीपर्स तथा असमर्थ व विधवा महिलाओं काे हाथ की सिलाई मशीनें वितरित की जावेगी. सायकांल सामूहिक आरती के बाद शास्त्र प्रवचन हाेगें। रात्रि में दिगम्बर जैन आदर्श महिला महाविद्यालय महावीर जी की छात्राओं द्वारा कटला पूर्वी पाण्डाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जावेगा. सांस्कृतिक मंच पर रात्रि 8.00 बजे से पर्यटन कला व संस्कृति विभाग राजस्थान के साैजन्य से राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या हाेगी. मुख्य प्रचार संयोजक सुरेश सबलावत एवं प्रचार संयाेजक विनाेद जैन 'काेटखावदा' के मुताबिक रविवार, 13 अप्रैल काे प्रातः 7.30 बजे चाैबीसी परिसर में खडगासन चाैबीसी के अभिषेक हाेगें.
दाेपहर में 2 बजे मंदिर प्रांगण से विशाल रथयात्रा निकलेगी जाे नदी तट पर जावेगी जहां श्री जी के कलशाभिषेक हाेगें. विश्व प्रसिद्ध इस रथयात्रा में साम्प्रदायिक साैहार्द दर्शाते हुए जैन,मीणा गुर्जर सहित सभी जातियाें के श्रद्धालु गण बड़ी संख्या में शामिल हाेंगे. इसी दिन सायंकाल 5.00 बजे नदी तट पर घुड़ दाैड़, ऊटं दाैड़ के आयाेजन हाेगें. इस दिन उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होगी.
पत्रकार सम्मेलन के इस मौके पर महावीर जी मेले के कार्यक्रमों का बहुरंगीय फोल्डर का विमोचन किया गया. विमोचन के इस मौके पर अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, उपाध्यक्ष एस के जैन, मानद् मंत्री सुभाष चन्द जैन जौहरी, कोषाध्यक्ष विवेक काला, संयुक्त मंत्री प्रदीप कुमार जैन, कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सबलावत, , प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा, प्रशासनिक समन्वयक भारतभूषण जैन, प्रचार समिति सदस्य हीरा चन्द बैद उपस्थित थे.
इससे पूर्व मेले में शुक्रवार, 11 अप्रैल काे प्रातः 8.00 बजे मान स्तम्भ की प्रतिमाओं का अभिषेक हाेगा. दाेपहर 12 बजे सामूहिक पूजा,सायंकाल 7.00 बजे सामूहिक आरती, शास्त्र प्रवचन के बाद श्री महिला मण्डल सिद्धार्थ नगर द्वारा कटला पूर्वी पाण्डाल में भजन संध्या का आयाेजन किया जाएगा. इसी दिन सांस्कृतिक मंच पर डाॅ गाैरव जैन एण्ड पार्टी जयपुर द्वारा भजनाें की प्रस्तुति एवं वीणा कैसेट्स जयपुर द्वारा राजस्थानी लाेक नृत्य व लाेक गीत कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी.
शनिवार, 12 अप्रैल काे प्रातः 9.00 बजे श्री वीर संगीत मण्डल जयपुर के सहयाेग से चरण छत्री पर सामूहिक पूजा की जाएगी। दाेपहर 12 बजे कटला पश्चिमी पांडाल में सामूहिक पूजन हाेगी। अपराह्न 4.00 बजे उप जिला कलेक्टर एवं प्रबंधकारिणी कमेटी के अध्यक्ष द्वारा मेला निरीक्षण किया जाएगा। सायंकाल सामूहिक आरती के बाद महिला जागृति संघ जयपुर द्वारा कटला पूर्वी पाण्डाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमाें की प्रस्तुति दी जाएगी.
सांस्कृतिक मंच पर रात्रि 8.30 बजे से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का विशाल आयाेजन किया जाएगा। जिसमें देश के प्रख्यात कवि अपनी कविताओं के माध्यम से भगवान महावीर के गुणगान करेंगे।
साेमवार, 14 अप्रैल काे नदी तट पर ग्रामीण खेलकूद एवं कुश्ती-दंगल के बाद मेले का समापन हाेगा।
अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल एवं मंत्री सुभाष चन्द जैन ने बताया कि वार्षिक मेले की तैयारियां जाेर शाेर से चल रही है। मेले में जैन अजैन सभी लाखाें की संख्या में श्रद्धालुगण शामिल हाेगें। गम्भीर नदी में मेले के लिए पाचना बांध से पानी छाेड़ दिया गया है ।
प्रतिवर्ष यहाँ महावीर जयंती के पावन अवसर पर आठ दिवसीय लक्खी मेला भरता है जिसमे देश विदेश के जैन समाज के श्रद्धालु एवं सभी समाज व वर्ग के भक्त गण मेले में साम्प्रदायिक साैहार्द के साथ भागीदारी निभाकर अपनी श्रद्धा भक्ति प्रदर्शित करते हैं वैशाख वदी एकम 13 अप्रेल 2025 काे भगवान महावीर की विशाल रथयात्रा दाेपहर 2:30 बजे मुख्य मन्दिर के कटला परिसर से विशाल जन समूह के साथ गंभीर नदी के तट पर पहुँचेगी वहाँ भगवान महावीर स्वामी की जिन प्रतिमा जी का जैन विधि अनुसार मंत्राेच्चार पूर्वक अभिषेक किया जाएगा उसके पश्चात रथयात्रा वापिस मन्दिर में आकर सम्पन्न हाेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों से आये हुए रुझान को देखते हुए समिति की तरफ से निशुल्क बस सेवा की व्यवस्था की पहल की गयी है। जयपुर क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र रेनवाल फागी, सांगानेर, शिवदासपुरा, चाकसू, टोंक, दौसा, निवारु, मकराना, दाँतारामगढ, मौजमाबाद, दूदू, सीकर, झोटवाड़ा आदि स्थानों से
निशुल्क बस व्यवस्था के माध्यम से हजारों जन इस विशाल शोभा यात्रा के दर्शन कर पाएंगे। समिति के इस प्रयास को समाज द्वारा सराहा जा रहा है।
वर्तमान में मंदिर के बारे में-----
श्री महावीर जी दिगम्बर जैन मंदिर के गगनचुम्बी धवल शिखर एवं स्वर्ण कलशाें पर फहराती जैन धर्म की ध्वजाएं सम्यक दर्शन, ज्ञान व चारित्र का संदेश और अनुपालना की प्रेरणा दे रही है। मंदिर की पार्श्व वेदी में मूलनायक के रूप में भगवान महावीर की मनाेज्ञ प्रतिमा विराजमान है। मूलनायक के दाेनाें ओर तीर्थंकर आदिनाथ स्वामी एवं पुष्पदंत स्वामी की प्रतिमाएं हैं। अन्य कलापूर्ण वेदियाें में अनेक तीर्थंकराें की पाषाण एवं धातु की दिगम्बर प्रतिमाएं विराजमान है। मंदिर में क्षेत्रपाल भी विराजमान हैं। यहां शनै-शनै मंदिर का विकास-विस्तार हाेता गया जाे अब भी निरन्तर है। मंदिर के भीतरी और बाहरी प्रकाेष्ठाें में संगमरमरी दीवाराें पर बारीक खुदाई से तथा भित्ति चित्रांकण से मंदिर की छटा काे आकर्षक व प्रभावकारी बनाया गया है। चित्रांकनाें में दिगम्बर जैन शैली के स्वर्णिम तेल चित्र भी हैं। मंदिर की बाह्य परिक्रमा में श्वेत संगमरमर पर दिगम्बर जैन आख्यानाें के कलात्मक भाव उत्कीर्ण किये गये हैं। सुन्दर परिक्रमा पथ पर श्रद्धालु फेरी लगाकर मनाेतियां मनाते हैं। मंदिर के चाराें और विशाल कटला है और बीच में कलापूर्ण देवालय है, जिसके मुख्य द्वार के सन्मुख 52 फीट ऊंचा संगमरमर से निर्मित मानस्तम्भ है, जिसके शीर्ष पर चार तीर्थंकराें की प्रतिमाएं हैं।