इतिहासकार एवं लेखिका रीमा हूजा ने मेवाड़ की विरासत, पहचान और शाश्वत मूल्यों पर डाली रोशनी

जय क्लब में ‘महाराणा प्रताप: द इनविंसिबल वॉरियर’ पुस्तक पर विशेष सत्र

इतिहासकार एवं लेखिका रीमा हूजा ने मेवाड़ की विरासत, पहचान और शाश्वत मूल्यों पर डाली रोशनी

Ananya soch: book 'Maharana Pratap: The Invincible Warrior': जय क्लब में इतिहास जीवंत हो उठा जब प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखिका डॉ. रीमा हूजा ने अपनी पुस्तक ‘महाराणा प्रताप: द इनविंसिबल वॉरियर’ पर आधारित एक विचारोत्तेजक संवाद में भाग लिया। वर्ल्ड ऑफ वर्ड्स (वाओ) द्वारा आयोजित इस विशेष सत्र में इतिहास और साहित्य प्रेमियों ने अंतर्दृष्टि, आत्मचिंतन और पुनः खोज की एक रोचक शाम का अनुभव किया. सत्र का संचालन वरिष्ठ जनसंपर्क कर्मी, जगदीप सिंह द्वारा किया गया. इस संवाद में भारत के सबसे प्रतिष्ठित योद्धाओं में से एक, महाराणा प्रताप की गाथा और उनकी विरासत को गहराई से समझने का प्रयास किया गया. डॉ. हूजा ने उनके प्रारंभिक जीवन, पराक्रम, हल्दीघाटी के युद्ध और उनके गुरिल्ला योद्धा के रूप में बिताए वर्षों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि मुग़ल कभी भी उन्हें पराजित नहीं कर सके और महाराणा प्रताप ने किसी भी प्रकार की संधि को स्वीकार नहीं किया. 

ऐतिहासिक किस्सों और गहन दृष्टिकोण के माध्यम से डॉ. हूजा ने साझा किया कि प्रताप के लिए अपनी भूमि की रक्षा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और सांस्कृतिक कर्तव्य था. मेवाड़ को सदियों से साहस और आत्मबल की भूमि माना गया है, और महाराणा प्रताप इस पहचान के प्रतीक रहे हैं। सत्र का समापन श्रोताओं के प्रश्नों और उत्तर के साथ हुआ. वाओ क्लब की ओर से आशिमा चौधरी ने वक्ताओं का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया. उन्होंने यह भी बताया कि क्लब हर माह चार पुस्तकों पर और प्रत्येक सप्ताह एक पुस्तक पर चर्चा करता है.