सिटी पैलेस में मनाई गई आमेर नरेश, राजा मान सिंह प्रथम की पुण्यतिथि

Ananya soch: Death anniversary of Amer King Raja Man Singh I was celebrated in City Palace
अनन्य सोच। आमेर नरेश मिर्जा राजा मान सिंह प्रथम की पुण्यतिथि के अवसर पर सिटी पैलेस में पुष्पांजलि और संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। जिसके पश्चात, राजा मान सिंह प्रथम के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने उनके ऐतिहासिक योगदान, वीरता, काबुल युद्ध, सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में निभाई गई उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम में वक्ता, संस्कृत कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, सुभाष चंद्र शर्मा ने राजा मान सिंह द्वारा हिंदू मंदिरों के निर्माण और सर्व समाज को बढ़ावा देने के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि मान सिंह जी ने भारत में स्वतंत्र सेना की स्थापना की और साधु-संतों के प्रति भी उनकी गहरी आस्था थी. इसके अतिरिक्त, शर्मा ने बताया कि राजा मान सिंह ने कुतुबखाना के तर्ज पर प्राचीन साहित्य को संरक्षित करने के लिए आमेर में पोथी खाना का निर्माण कराया. उन्होंने कहा कि राजा मान सिंह द्वारा अकबर के सेनापति पद को स्वीकार करना उनका सबसे बड़ा और अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय सिद्ध हुआ. वहीं, वक्ता दौलत सिंह ने आमेर महल की स्थापत्य कला पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राजा मान सिंह ने आमेर महल में हवेलियों का निर्माण कराया, जिससे प्रत्येक मौसम में वायु, सूर्य और वर्षा का आनंद लिया जा सके. यह स्थापत्य कला जोधपुर, शेखावटी सहित राजस्थान के अन्य क्षेत्रों में भी पहुंची. इसके साथ ही, उन्होंने जयपुर के पंचरंगे झंडे के इतिहास पर भी रोशनी डाली.
कार्यक्रम में करणी सेना के नेता महिपाल सिंह मकराना ने भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने जोर देकर कहा कि इतिहास को तोड़-मरोड़कर नहीं दिखाना चाहिए, बल्कि लोगों को सच्चा और सही इतिहास बताया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुगल शासन के समय राजा मान सिंह ने मंदिरों का निर्माण करवाया और उनकी रक्षा भी की. वक्ता देवेंद्र भगत ने भारतवर्ष में राजा मान सिंह के योगदानों तथा उनके द्वारा कराए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार पर विस्तार से चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन सिटी पैलेस के कला एवं संस्कृति, ओएसडी, रामू रामदेव द्वारा किया गया.
एमएसएमएस द्वितीय संग्रहालय की कार्यकारी ट्रस्टी, रमा दत्त ने आमेर नरेश मान सिंह जी द्वारा सनातन धर्म और संस्कृति को बचाने में विशेष योगदान पर प्रकाश डाला. वहीं, सिटी पैलेस के कथा भट्ट जी महाराज, सुबोध चंद्र शर्मा ने बताया कि राजा मान सिंह प्रथम ने 13-14 वर्ष की उम्र में अकबर के साथ मिलकर युद्ध किया और भारत के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
इससे पूर्व, उप मुख्यमंत्री ने महाराजा सवाई मान सिंह (एमएसएमएस) द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट के सहयोग से कल्याण सिंह शेखावत द्वारा लिखित पुस्तक 'डिवाइनिटी सेंटर्स ऑफ जयपुर' का विमोचन भी किया। यह पुस्तक गुलाबी शहर जयपुर के प्रमुख मंदिरों के इतिहास और धार्मिक महत्त्व पर केंद्रित है.