जेसीटीएसएल के पास बसें नहीं, हर माह एक करोड़ का बढ़ा घाटा

बसों से हो रही प्रतिदिन करीब 30 लाख रुपए की आय 

जेसीटीएसएल के पास बसें नहीं, हर माह एक करोड़ का बढ़ा घाटा

ऋषि राज जोशी
जयपुर। जयपुर शहर को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने वाली जेसीटीएसएल कंपनी के पास केवल 300 बसें ही है। इसके चलते हर माह कंपनी को करीब एक करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। हालांकि इन दिनों में सीएमडी व ओएसडी के प्रयास से यात्रीभार में कुछ बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कम बसें होने से यात्रियों को परिवहन की सुविधा नहीं मिल रही। जेसीटीएसएल वर्तमान में टोड़ी, सांगानेर व बगराना डिपो से 300 बसों का संचालन कर रहा है। बगराना डिपो से पारस कंपनी 100 मिडी व मातेश्वरी कंपनी सांगानेर व टोड़ी डिपो से 200 बड़ी बसों का संचालन कर रही है। इन बसों में से 25-30 बसें आॅफ रूट होती है। जेसीटीएसएल को बसों से प्रतिदिन करीब 30 लाख रुपए की आय हो रही है। इनमें से 100 बसें अगले साल मार्च में कंडम हो जाएगी। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सेवा मानकों के अनुसार सार्वजनिक परिवहन के लिए प्रति 10 हजार की जनसंख्या पर छह बसें होनी चाहिए, लेकिन यहां 41 लाख की जनसंख्या पर केवल 300 बसें संचालित है। 

 *अधिकारी फील्ड में निकले तो बढ़ा यात्रीभार* 

सीएमडी अजिताभ शर्मा के निर्देश पर ओएसडी राजकुमार कस्वा प्रतिदिन बसों की चैकिंग के लिए निकलने लगे। इसका परिणाम यात्रीभार में बढ़ोतरी हुई। छह महीने पहले 27-28 लाख यात्रीभार प्रतिदिन था। मजे की बात तो यह है कि जेसीटीएसएल संविदा पर लगे चैकिंग स्टाफ को हर माह लाखों रुपए का भुगतान करता है, फिर भी राजस्व बढ़ने की बजाय घट रहा है। यदि बसों की खरीद नहीं की गई तो जेसीटीएसएल का घाटा बढ़ता ही जाएगा। 

 *300 इलेक्ट्रिक बसें लाने की तैयारी* 
जेसीटीएसएल कंपनी में अब 300 इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल होगी। इनमें 200 बड़ी और 100 छोटी बसें हैं। केन्द्र सरकार की एजेंसी कन्वर्जन एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड इसकी बिल्ड निकालेगी। इसकी अनुमति के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। यह इलेक्ट्रिक बसे आने से शहर में प्रदूषण कम होने के साथ ही यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।

इनका कहना है...
जेसीटीएसएल बेड़े में 300 इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की तैयारी की जा रही है। 2025 तक 1000 बसें बेड़े में शामिल की जाएगी। इस प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में पास किया जा चुका है। पहले की तुलना में यात्रीभार में बढ़ोतरी हुई है। 
-अजिताभ शर्मा, सीएमडी जेसीटीएसएल