जेकेके 31 अगस्त से कल्चरल कारवां उत्सव
अविनाश पाराशर। दो दिवसीय उत्सव में लोक कला, संगीत और साहित्य का समागम पद्मश्री हुसैन बंधुओं की ग़ज़ल और साबरी ब्रदर्स की कव्वाली से सजेगी महफिल संवाद प्रवाह में अभिनेता मनु ऋषि चड्ढा, अंजुम शर्मा और फैसल मलिक रखेंगे विचार कवि सम्मेलन में पद्मश्री प्रो. अशोक चक्रधर, पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा और प्रो. वसीम बरेलवी बांधेंगे समां
Ananya soch
अनन्य सोच। जवाहर कला केन्द्र और जश्न ए अदब संस्था की सहभागिता में 31 अगस्त से दो दिवसीय उत्सव 'कल्चरल कारवां' का आयोजन किया जा रहा है. मधुरम के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रम में लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, उपशास्त्रीय संगीत और साहित्यिक गतिविधियों का समागम देखने को मिलेगा. ख्यातनाम कलाकारों की उपस्थिति उत्सव को खास बनाएगी, रचनात्मकता की रोशनी के साथ दिन की शुरुआत होगी और ढलती शाम में मनोरंजन की मनोहर छटा बिखरेगी.
31 अगस्त को दोपहर दो बजे रंगायन में उत्सव का उद्घाटन होगा. रंगायन में दोपहर ढाई बजे दास्तानगोई होगी. तीन बजे डॉ. विद्या शाह दादरा, ठुमरी और गज़ल गायन की प्रस्तुति देंगी. सायं पांच बजे पद्म भूषण पं. साजन मिश्रा और पं. स्वरांश मिश्रा शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। शाम साढ़े छह बजे पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन और मो. हुसैन उम्दा ग़ज़लों का गुलदस्ता सजाएंगे. रात्रि आठ बजे डॉ. यश गुलाटी सैक्सोफोन से मधुरता घोलेंगे. साबरी बंधुओं की कव्वाली के साथ पहले दिन के कार्यक्रम का समापन होगा.
1 सितंबर को दोपहर दो बजे युसुफ खान की भपंग वादन प्रस्तुति के साथ दिन की शुरुआत होगी. सायं साढ़े चार बजे संवाद प्रवाह में अभिनेता मनु ऋषि चड्ढा, अंजुम शर्मा और फैसल मलिक अपने विचार रखेंगे. सायं पौने पांच बजे से वरिष्ठ कवि और शायर अपनी रचनाओं के साथ मंच साझा करेंगे. पद्मश्री प्रो. अशोक चक्रधर, पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा और प्रो. वसीम बरेलवी अपनी कविताओं और शायरियों से समां बांधेंगे. रात्रि साढ़े आठ बजे विधा लाल की कथक प्रस्तुति के साथ उत्सव का समापन होगा.