Binani Ri Talaash: हास्य से भरपूर नाटक 'बीनणी री तलाश' का हुआ मंचन
Binani Ri Talaash: दहेज के लोभी सेठ भोलानाथ के बेटे को नही मिली 'बीनणी'

Ananya soch: Binani Ri Talaash
अनन्य सोच, जयपुर। नाटक 'बीनणी री तलाश' का मंचन सोमवार को रवीन्द्र मंच पर हुआ। केके कोहली लिखित निर्देशित इस नाटक में दहेज प्रथा, कन्यां भ्रूण हत्या, बालिका शिक्षा को बढ़ावा, लड़के और लड़कियों में भेदभाव को मिटाना, राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देना जैसे गम्भीर विषयों को केंद्र में रख कर हास्य के साथ प्रस्तुत । किया गया।
हंसा हंसा कर लोटपोट कर देने वाले राजस्थानी भाषा पर आधारित इस नाटक में ज्वलंत विषयों को नाटक के कलाकारों ने पूरी संजीदगी के साथ प्रस्तुत किया। सेठ भोलानाथ के बेटे नाटक के मुख्य पात्र बाबूड़ा की शादी के लिए दुल्हन तलाश की जा रही है, लेकिन दहेज के लोभी सेठ भोलानाथ के द्वारा दहेज की मांग करने एवं कन्या भ्रूण हत्याएं होने के कारण लड़कियों की कमी हो जाने के कारण बाबुड़ा की बीनणी नसीब नहीं होती.
लेखक-निर्देशक ने नाटक के माध्यम से सन्देश देने का प्रयास किया है कि ईश्वर ने स्त्री और पुरुष को एक दूसरे का पूरक बनाया है। सच पूछो तो स्त्री के बिना समाज की कल्पना ही नहीं की जा सकती.