Rakshabandhan 2025: 297 साल बाद बना दुर्लभ शुभ संयोग, पूरे दिन बंधी राखियां, शहर में छाई भाई-बहन के प्रेम की रौनक

Ananya soch: Rakshabandhan 2025
अनन्य सोच। Rakshabandhan news: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन शनिवार को पूरे उत्साह, उमंग और आध्यात्मिक आनंद के साथ मनाया गया. इस वर्ष भद्रा काल न होने से सुबह से देर शाम तक राखी बांधने का सिलसिला निरंतर चलता रहा. सुहावने मौसम और हल्की ठंडी हवाओं ने त्यौहार की रौनक को और बढ़ा दिया. शहर की गलियां, कॉलोनियां और बाजार रंग-बिरंगे परिधानों में सजी बहनों और उपहार लिए बच्चों से गुलजार रहे
सुबह से ही घर-घर में शुभ चौघड़िया, चर, लाभ और अमृत चौघड़िया में बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी. रक्षाबंधन से पूर्व द्वारों पर शगुन पूजन और घर के मंदिर में भगवान को राखी बांधने की परंपरा निभाई गई. बच्चों में कार्टून राखियों का विशेष क्रेज देखने को मिला. कई परिवारों में तीन से चार पीढ़ियां एक साथ बैठकर इस त्यौहार का आनंद उठाती नजर आईं.
297 साल बाद बना दुर्लभ योग
इस बार का रक्षाबंधन बेहद खास रहा, क्योंकि 297 वर्ष बाद श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, शनिवार का दिन, मकर राशि में चंद्रमा और पूर्णिमा तिथि का अद्भुत संयोग बना. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह दुर्लभ संयोग 1728 में भी बना था, जब सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में थे. इस विशेष संयोग ने पर्व की शुभता और आध्यात्मिक महत्व को कई गुना बढ़ा दिया.
मंदिरों में उमड़ी भीड़, घरों में महके पकवान
रक्षाबंधन के दिन शहर के प्रमुख मंदिरों—गोविंद देवजी, काले हनुमानजी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों पर विशेष पूजा-अर्चना हुई और ठाकुरजी को रक्षा सूत्र अर्पित किए गए. सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, जहां भाई-बहन भगवान के चरणों में रक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद लेने पहुंचे.
घरों में पारंपरिक व्यंजन और मिठाइयों की खुशबू फैली रही. बुजुर्ग माताओं और दादियों ने भी भाइयों और भतीजों को राखी बांधकर इस रिश्ते की मिठास को बरकरार रखा. पूरे दिन सोशल मीडिया पर राखी बंधने के फोटो और वीडियो छाए रहे, जिससे त्योहार का उल्लास डिजिटल मंचों तक फैल गया. रक्षाबंधन 2025 ने न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत किया, बल्कि दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग के कारण यह पर्व वर्षों तक याद किया जाएगा.