द जंप नाटक ने समझाया जिंदगी का महत्व

द जंप नाटक ने समझाया जिंदगी का महत्व

Annaya soch: The Jump drama explained the importance of life

अनन्य सोच। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित छह दिवसीय नटराज महोत्सव का बुधवार को समापन हुआ. महोत्सव में उम्दा नाटकों के मंचन के साथ रंगमंच, लेखन और अभिनय पर विशेषज्ञों ने विचार रखे। अंतिम दिन संवाद सत्र में लेखक पूर्णेन्दु शेखर, अभिनेता और लेखक धीरज सरना ने विचार  रखे. शाम के रंगायन सभागार में मनीष वर्मा के निर्देशन में नाटक 'द जंप' खेला गया. संवाद सत्र में पूर्णेन्दु शेखर, धीरज सरना ने रंगकर्मी के संघर्षों और लेखन में अनुभव को साझा किया। स्वप्निल जैन ने सत्र संचालन किया. टीवी सीरियल 'बालिका वधु' की कहानी लिखने वाले पूर्णेन्दु शेखर ने कहा कि रंगमंच से जुड़े अनुभव कलाकार के हमेशा काम आते हैं. रंगकर्मी हर किरदार को जीते हैं, थिएटर में कई तकनीकी पहलू सीखने को मिलते हैं ऐसे में अभिनय के साथ लेखन, निर्देशन, लाइट डिजाइन आदि करियर विकल्प भी खुल जाते हैं. रंगकर्म के दौरान विभिन्न किरदारों को जीते-2 लेखन की प्रेरणा मिली। अभिनेता को अधिक फेम मिलता है जबकि आधार रहने वाले लेखकों को इतने लोग नहीं जानते इस पर उन्होंने कहा कि नींव की ईंट को छिपे हुए रहकर पूरी बिल्डिंग को संभाले रखना होता है ऐसा ही काम लेखक का है, फेम से फर्क नहीं पड़ता क्रिएटिविटी और काम करना महत्वपूर्ण है. फिल्म 'साबरमती रिपोर्ट' के निर्देशक और 'कहानी घर-घर की' जैसे सीरियल लिखने वाले धीरज सरना ने कहा कि रंगमंच मुश्किल दिनों से लड़ने के लिए इंसान को तैयार करता है. उन्होंने बताया कि किस तरह वे अभिनय से लेखन और निर्देशन की ओर मुड़े। बकौल धीरज लेखन के साथ-2 उन्होंने सोशल मीडिया पर शॉर्ट वीडियो बनाते हुए डिजिटल दुनिया में कदम रखा है. 

रंगायन में नाटक 'द जंप' का 27 वां शो हुआ, राजस्थान में पहली बार यह नाटक खेला गया. नाटक की नायिका कॉर्पोरेट कंपनी में उच्च पद पर है। जिंदगी की जद्दोजहद में वह इस तरह उलझ गयी है कि अवसाद के चलते जान देना चाहती है. घनघनाते फोन को नजरअंदाज करते हुए नायिका सिर पकड़े बैठी है, वह बिल्डिंग से कूदने जाती है तभी एक कैब ड्राइवर उसे बचा लेता है. कैब ड्राइवर के पिता ने आत्महत्या की थी और वह जानता है कि जीवन की परेशानियों का हल जान देना नहीं है. दोनों की बातचीत में परत दर परत जीवन के नकारात्मक और सकारात्मक पहलू सामने आते हैं. नाटक जंप निर्देशक मनीष वर्मा के निजी अनुभवों की उपज है। 2022 में वह हिमस्खलन के हादसे की चपेट में आने से बच गए थे जिसमें 29 लोगों की जान चली गयी थी. मनीष का कहना है कि कोरोना के बाद दुनिया में अकेलापन एक वैश्विक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभरा है. इसने उन्हें  आत्महत्या, अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य जैसे समकालीन मुद्दों के कारणों का पता लगाने के लिए प्रेरित किया. भारत में जहाँ हर साल 2.6 लाख से ज़्यादा आत्महत्याएं होती हैं, जंप के माध्यम से निर्देशक आत्मघाती मन की पेचीदगियों और जटिलताओं को समझने में सफल रहे. नाटक में दिलनाज ईरानी और संजय सोनू ने मंच पर भूमिका निभाई.