रवींद्र मंच के मिनी थिएटर में लाडली नाटक का हुआ मंचन

रवींद्र मंच के मिनी थिएटर में लाडली नाटक का हुआ मंचन

Ananya soch: Ravindra Manch

अनन्य सोच। Ravindra Manch रवींद्र मंच के 60 वर्ष पूर्ण होने पर हीरक जयन्ती के अवसर पर कला व संस्कृति और पुरातत्व विभाग राजस्थान तथा रवींद्र मंच की ओर से टैगोर थियेटर योजना में नाटक लाडली का मंचन किया गया। मिनी थिएटर में हुए नाटक के लेखक-निर्देशक है रंगकर्मी प्रेम सिंह कण्डेरा रहे.

कहानी राजपुर नामक गांव की थी, जिसमें करण सिंह नाम का दबंग आदमी रहता है जो बेटियों से नफरत करता है. क्योंकि उसका मानना है जिस घर में बेटी होगी तो उसका सर झुक जाता है. क्योंकि बेटी को एक दिन घर से विदा करना पड़ता है और बेटी का बाप होने के नाते उसे सर झुकाना पड़ता है.

यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है महिलाओं पर अत्याचार, बेटियों की हत्या होती आ रही है इसलिए वह गांव की हर बेटी को मार देता है. उसका डायलॉग फेमस होता है, कि वह सर कटा सकता है पर सर झुका नहीं सकता. जिस घर में बेटी पैदा होती है उसके गुरगे बेटी को उठा लाते हैं और करण सिंह के हाथों में सौंप देते हैं और करण उसे मार देता है. एक दिन उसी की धर्मपत्नी के बेटी पैदा होती है उसे इस बात का पता चलता है तो वो उस बेटी को मारने का प्रयास करता है. दाई बेटी को जंगल में छुपा देती है और उसका नाम लाडली रखती है. दाई करण से कहती है कि बहु के कंकड़-पत्थर हुए हैं. दाई लाडली को पढ़ा-लिखा कर शिक्षित कर इंस्पेक्टर बना देती है. फिर लाडली ने करण सिंह की कुप्रथाओं का अंत कर देती है.

अनामिका सिंह कण्डेरा ने लाडली का दमदार अभिनय किया तो शालिनी सिंह कण्डेरा, विनय बिन्दल, चेतन प्रकाश महावर, नरेंद्र कुमार, राजेन्द्र कुमार, रिया सिंह कण्डेरा आदि ने भूमिका निभाई.