श्रीयादे माटी कला बोर्ड की पहल – स्वदेशी अपनाएं, देश को आत्मनिर्भर बनाएं
माटी कलाकारों को मिलेगा सालभर रोजगार, आत्मनिर्भर बनेगा प्रदेश : प्रहलाद राय टाक

Ananya soch: Shriyade Mati Kala Board's initiative – Adopt Swadeshi, make the country self-reliant
अनन्य सोच। राजस्थान सरकार के श्रीयादे माटी कला बोर्ड की अभिनव पहल से अब प्रदेश के माटी कलाकारों को सीजनल नहीं, बल्कि वर्षभर रोजगार उपलब्ध होगा. बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने मंगलवार को उद्योग भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशानुसार माटी कलाकारों को अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक चाक और मिट्टी गूंथने की मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिससे उनकी आय दोगुनी होगी और वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगे.
उन्होंने कहा कि मिट्टी के उत्पाद निर्माण में राजीविका के माध्यम से महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा जाएगा. इसके लिए बोर्ड राजीविका के आयुक्त से वार्ता कर प्रस्ताव तैयार कर रहा है. साथ ही, खादी भंडारों पर मिट्टी के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था हेतु राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है.
रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय बेचने की पहल के लिए टाक ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया और बताया कि इसी तरह बस स्टैंड्स पर कुल्हड़ के उपयोग को लेकर परिवहन मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को पत्र भेजा गया है. दीपावली के अवसर पर माटी कलाकारों को सार्वजनिक स्थलों पर उत्पाद बेचने की अनुमति के लिए जिला कलेक्टर्स व पुलिस अधीक्षकों से भी सहयोग का आग्रह किया गया है. राज्य की कला को सम्मानित करने हेतु बोर्ड पहली बार ‘माटी का लाल’ पुरस्कार समारोह आयोजित करेगा, जिसमें नवंबर में प्रविष्टियाँ आमंत्रित की जाएंगी और दिसंबर में विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा. बोर्ड अब तक 1000 से अधिक मशीनें वितरित कर चुका है और दिसंबर 2025 तक 2000 का लक्ष्य पूरा होगा. दीपावली के बाद 25 ट्रेनर्स का नया बैच खुर्जा (उत्तर प्रदेश) में प्रशिक्षण हेतु भेजा जाएगा.