अनन्य सोच, जयपुर। रवीन्द्र मंच सभागार में शास्त्रीय नाट्य पर्व 2023 के दूसरे दिन मंगलवार को नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' किया गया। महाकवि कालीदास लिखित नाटक की परिकलपना व निर्देशन डॉ. शुभ्रा वर्मा द्वारा किया गया। नाटक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग के विधार्थियों द्वारा तैयार किया गया था। नाटक की निर्देशिका डॉ. शुभ्र वर्मा नाट्यकला की शिक्षिका और महात्मा गांधी विद्यापीठ में नाट्यकला की प्रवक्ता भी है। वे नाट्यकला में पीएचडी है, तथा उन्हें संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से सीनियर रिसर्च फेलोशिप भी मिल चुकी है। वे आकाशवाणी और दूरदर्शन की बी- हाई ग्रेड नाट्य कलाकार और वॉइस आवर आर्टिस्ट हैं। महाकवि कालीदास रचित विश्वप्रसिद्ध नाटक का कथासार इसप्रकार है कि हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत कण्व ऋषि के आश्रम में पल रही शकुन्तला के प्रति आसक्त होकर उससे गंधर्व विवाह करते हैं और स्मृति चिन्ह स्वरूप अपनी अगूठी देकर चले जाते है। ये शकुन्तला को वापस आने का वचन देते हैं। किन्तु दुर्वासा के श्राप के कारण वे सब भूल जाते हैं। बहुत समय व्यतीत होने पर कण्व ऋषि शकुन्तला को दुष्यंत के पास भेजते है।
मंच पर अभिषेक बसाक प्रो. अरुण जैन, भानु प्रताप, मंजूषा पाण्डेय, डॉ. शुभ्र वर्मा, अनुषा मिश्रा, दीपिका वर्मा, आनन्द कुमार, मुकेश कुमार पाल, शिब्लु अलि रोहित तिवारी, आयुष सिंह, मोहित कुमार, सुमित आशीवाल ने अभिनय किया।