दीपावली की रौनक से सजा 28वां लोकरंग हस्तशिल्प मेला

Ananya soch: The 28th Lokrang Handicrafts Fair is decorated with the splendor of Diwali
अनन्य सोच। jawahar kala kendra में जारी 28th Lokrang mahotsav के तहत national Handicrafts मेले में इस बार दीपावली की विशेष चमक देखने को मिल रही है. देशभर के शिल्पकारों द्वारा तैयार पारंपरिक और आधुनिक कलाकृतियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं. मिट्टी, जूट, लकड़ी, कपड़े और पेड़ की छाल से बने उत्पाद न केवल घर की शोभा बढ़ा रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं.
मेले में जूट से बने फोटो फ्रेम, पेन स्टैंड, प्लांट पॉट और राधा-कृष्ण मूर्तियां विशेष आकर्षण का केंद्र हैं. जयपुर की हस्तशिल्पकार माधवी द्वारा तैयार जूट की डॉल्स और हैंडक्राफ्टेड शोपीस सादगी और सुंदरता का संगम हैं. वहीं, गोटे-पत्ती और कपड़े की कला से सजे बंधनवार और दीयों से बनी सजावटी वस्तुएं दीपावली सजावट के लिए ग्राहकों की पहली पसंद बन रही हैं.
सस्टेनेबल इनोवेशन के रूप में पेड़ की छाल और वाइन कॉर्क से बने बैग भी खूब सराहे जा रहे हैं. करणीलाल शर्मा और उनके बेटे विकास ने इन अनोखे उत्पादों से पर्यावरण-हितैषी फैशन का उदाहरण प्रस्तुत किया है.
नागालैंड की अलिना द्वारा प्राकृतिक रंगों से बनाए कपड़े के फूल घर सजावट में नई ताजगी ला रहे हैं. वहीं, क्रोशिया कला में तैयार चादरें, गाउन और मेजपोश दक्षिण भारत की बारीक हस्तकला का सुंदर परिचय दे रहे हैं.
सिर्फ शिल्प ही नहीं, बल्कि स्वाद भी यहां का अहम हिस्सा है—ताजा तिल के तेल और तिलकुटे के साथ बेकरी स्नैक्स और पारंपरिक व्यंजन आगंतुकों का मन मोह रहे हैं.
संस्कृति, कला और कारीगरी का यह उत्सव 17 अक्टूबर तक जारी रहेगा, जहां हर शिल्प वस्तु अपने भीतर भारतीय परंपरा की सुगंध समेटे हुए है.