फेस्टिवल में संगीत, नृत्य, हेरिटेज वॉक, शिल्प, कन्वर्सेशन और व्यंजनों का अद्भुत संयोजन
हिज हाइनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह के सहयोग से वेदांता समूह प्रस्तुत करता है जयपुर जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल 2024 राजस्थान की कला और संस्कृति का अद्वितीय उत्सव, 'जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल 2024' का भव्य उद्घाटन
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Ananya soch: Jaigarh Heritage Festival 2024
अनन्य सोच। Jaigarh Heritage Festival 2024: ऐतिहासिक जयगढ़ फोर्ट में शनिवार सुबह जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल 2024 के पहले संस्करण का भव्य उद्घाटन हुआ. इसका आयोजन जयपुर के हिज हाइनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह के सहयोग से वेदांता ग्रुप द्वारा किया जा रहा है.
फेस्टिवल का उद्घाटन जयपुर के हिज हाईनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह, प्रिंसेस गौरवी कुमारी, टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक, संजॉय के. रॉय, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ, संजय अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया. इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथियों में निर्मला दुर्लभजी और केजीके फाउंडेशन से संजय कोठारी भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का उद्घाटन नाथुलाल सोलंकी द्वारा नगाड़ा प्रस्तुति, विशाल कठपुतलियों के नृत्य और बैंड बाजे की धूमधाम के साथ हुआ, जिसने पूरे कार्यक्रम में जीवंतता और उल्लास भर दिया. यह फेस्टिवल राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, कला, और धरोहर का एक अनूठा उत्सव है, जो 28 और 29 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है. टीमवर्क आर्ट्स इस आयोजन के प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर हैं.
इस अवसर पर जयपुर के हिज हाईनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने कहा कि "जयगढ़ फोर्ट जयपुर और ढूंढाड़ क्षेत्र का गर्वित प्रतीक है, एक ऐसा ऐतिहासिक धरोहर स्थल जिसने जिसने सदियों से हमारी रक्षा की है, बल्कि हमारे लोगों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है. जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल, जो पिछले वर्ष जयगढ़ फोर्ट के आम जनता के लिए खोले जाने के 40वें वर्षगांठ के अवसर पर शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य हमारे शहर की निर्माण और अमूर्त धरोहर को सम्मानित करना है. टीमवर्क आर्ट्स के साथ, एक ऐसी संस्था जिसने जयपुर को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है, हमें इस दृष्टिकोण को जीवंत बनाने के लिए एक आदर्श साझेदार मिला है. हम आशा करते हैं कि यह फेस्टिवल समुदायों पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ेगा, जहां न केवल कला, शिल्प, साहित्य और व्यंजनों का उत्सव मनाया जाएगा, बल्कि राजस्थान की जीवंत संस्कृति और गौरव का सार भी प्रस्तुत किया जाएगा.
टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक, संजॉय के. रॉय ने कहा कि "जयगढ़ फोर्ट हमेशा कला के उपयोग का बेहतरीन उदाहरण रहा है, जिसने हमारे निर्मित धरोहर के महत्व को बढ़ाया और मूर्त एवं अमूर्त धरोहर के प्रति सम्मान और समझ को बढ़ावा दिया है. राजस्थान स्वयं हजारों साल पुरानी संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उत्सव है. यह फोर्ट नवाचार और प्रयोग का प्रतीक है, जहां विश्व की सबसे बड़ी तोप बनाई गई थी. यहां हर पत्थर और ईंट एक अनकही कहानी छुपाए हुए है, जो उजागर होने का इंतजार कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि जयगढ़ फोर्ट सिर्फ जयपुर और राजस्थान का नहीं, बल्कि पूरे भारत का उत्सव है. जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल के माध्यम से, हमारा उद्देश्य एक ऐसा मंच बनाना है, जो भविष्य में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) की तरह सांस्कृतिक उत्सव का एक प्रमुख केंद्र बन सके.
पहले दिन की शुरुआत, सुबह निलोय अहसान ज़ुल्करनैन द्वारा 'दागर वाणी ध्रुपद' प्रस्तुति से हुई, जिसमें 'राग मियां की तोड़ी' की मधुर रचना ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. जिसके पश्चात, फेस्टिवल में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, वर्कशॉप्स, कन्वर्सेशन, शिल्प आदि का आयोजन चला. पहले दिन इसमें पद्म श्री कैलाश खैर; सूफी संगीत के उस्ताद, मीर मुख्तियार अली; पुष्कर संगीत घराने के नाथुलाल सोलंकी द्वारा नगाड़ा वर्कशॉप; विक्रम श्रीवास्तव द्वारा हिंदुस्तानी क्लासिकल संगीत प्रस्तुति; भुट्टे खान द्वारा राजस्थानी लोक एवं सूफी गीत प्रस्तुति, श्योपत जुलिया, जैसलमेर बॉयज, जयपुर के इंडी फोक फ्यूजन बैंड-युगम द्वारा प्रस्तुतियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं.
इस हेरिटेज उत्सव में राजस्थान के समृद्ध इतिहास, कला, वास्तुकला और संस्कृति की गहरी समझ प्रदान करने वाली ज्ञानवर्धक चर्चाओं की एक श्रृंखला भी आयोजित की जा रही है. पहले दिन कन्वर्सेशन की शुरुआत 'जयपुरनामा: द पल्स ऑफ पिंकसिटी' से हुई, जिसमें पिंक सिटी के रूप में प्रसिद्ध जयपुर शहर, के समृद्ध इतिहास, कला और सांस्कृतिक धरोहर को समझने पर चर्चा हुई. जिसमें पर्यटन, संस्कृति और यात्रा लेखक तृप्ति पांडे और राजस्थान के इतिहास पर विशेषज्ञ और लेखिका रीमा हूजा ने भाग लिया. इस सत्र का संचालन जयगढ़ की सहायक निदेशक, चांदनी चौधरी ने किया.
इसके बाद विद्या शाह द्वारा 'वुमन ऑन रिकॉर्ड' सत्र में शास्त्रीय संगीत की महत्ता को बताया गया और महिलाओं के संगीत में योगदान पर भी प्रकाश डाला गया. इसके अतिरिक्त, नीलेश मिश्रा द्वारा 'स्टोरीटेलिंग एंड म्यूजिक' पर दिलचस्प वार्ता की गई। फेस्टिवल के दौरान, क्राफ्ट कोर्टयार्ड में जयपुर के कारीगरों द्वारा बनाई गई पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जा रहा है. जिससे कि आगंतुकों को सदियों पुरानी कलाओं के पीछे की कहानियों को जानने और इन कालातीत परंपराओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं में भाग लेने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है.
फेस्टिवल के दूसरे दिन, 29 दिसंबर को, उत्सव की शुरुआत संदीप सिंह और आविर्भाव वर्मा द्वारा तौस वादन के साथ होगी. इसके बाद अन्य प्रमुख सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जिनमें लोक संगीत की प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी, नाथुलाल सोलंकी द्वारा नगाड़ा प्रदर्शन, जैसलमेर बॉयज की प्रस्तुति, ताल फ्राय द्वारा क्लासिकल और फोक म्यूजिक प्रस्तुतियां और 'अंडर द नीम ट्री - निमाद' की प्रस्तुति शामिल होंगी। इस उत्सव में और भी कई दिलचस्प वार्ताओं का आयोजन किया जाएगा, जिनमें 'चिज़लिंग द डिवाइन: द इंडियन टेम्पल', 'द व्हर्लिंग हार्ट - सूफीज़ लिविंग हिस्ट्रीज़', और 'द जैसलमेर बॉयज' पर विशेष चर्चाएं आयोजित की जाएंगी. इसके अतिरिक्त, चुग्गे खान द्वारा खरताल वर्कशॉप, गवरी सांस्कृतिक प्रस्तुति, और ग्रेस इन रिदम - जयपुर घराने का कथन नृत्य भी प्रमुख आकर्षण होंगे. इस प्रकार, यह उत्सव न केवल सांस्कृतिक धरोहर की सजीव प्रस्तुति करेगा, बल्कि इसे संजोने और समझने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करेगा.