नाटक "झगड़ालू बहू" ने परिवार के सुख दुख पर किया कटाक्ष

नाटक "झगड़ालू बहू" ने परिवार के सुख दुख पर किया कटाक्ष

अनन्य सोच, जयपुर। नाटक "झगड़ालू बहू" का मंचन रवींद्र मंच पर हुआ. फिरोज मिर्जा लिखित-निर्देशित ये नाटक परिवार के सुख दुख पर कटाक्ष करता हुआ नज़र आया.

-ये है कथा सार

बिरजू शादी करने के लिए विज्ञापनों में दिए गए अलग अलग टेलीफोन नम्बर पर फ़ोन करता है. अंत में सही जगह फ़ोन लग जाता है. बिरजू लड़की से काफी देर तक बात करता है और शादी करने का फैसला लेता है. लड़की भी इस फ़ैसले पर राजी हो जाती है. बिरजू अपनी मां से लड़की के बारे बात करता है और लड़की को मिलवाने की बात अपनी मां के सामने रखता है. मां लड़की से मिलती है और बात शादी तक पहुंच जाती है, लेकिन शादी से पहले मां लड़की से 5 सवालो के जवाब पूछती है. मां का पहला सवाल मेरे मरते दम तक मेरी सेवा करेगी? दूसरा, पूरे घर की साफ सफाई करेगी? तीसरा, सवाल खाना साफ सफाई से बनाएगी? चौथा, मेरी दौलत, प्रॉपर्टी चालाकी से अपने नाम नही करवाएगी? और पांचवा सवाल मेरे बेटे को कभी दुख नही देगी ना मुझसे जुदा करेगी?,  घर की होने वाली बहू मां के पांचो सवालों का जवाब देती है. सभी शर्ते मान लेती है और शादी हो जाती है. फिर शादी के अगले ही दिन से सांस बहू में काम को ले कर झगड़े चालू हो जाते है. दोनो के झगड़ो के बीच में बेटा पिस्ता है, जो किसी की तरफ से बोल भी नही सकता है. एक दिन बहू ने अपनी सांस से खाली स्टांप पर चालाकी से हस्ताक्षर करवा लिए थे. उसके बाद फिर वही रोजाना कभी चाय बनाने पर लड़ाई तो कभी साफ सफाई को ले कर लड़ाई ये रोजाना का काम था. एक लड़ाई ज्यादा बड़ी फिर बहू ने पुलिस को फ़ोन किया पुलिस के आने के बाद पुलिस को अपने पति और सांस के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने पति बिरजू और उसकी मां को बहू को परेशान करने मार पीट के मामले में सजा सुनाई बहू ने स्टांप पर प्रॉपर्टी का हक अपने नाम टाइप करवा कर सब प्रॉपर्टी चालाकी से अपने नाम करवा लेती है.

-ड्रामे से दिया संदेश
अपने बच्चो की शादी जब भी करे पुरी जांच करने के बाद ही करे. चाहे शादी लड़की की हो या लडके की. आज कल शादी एक व्यापार बन चुका है. धोखाधड़ी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे है. आज के युवक युवती सोशल मीडिया से जुड़ते है और बातो ही बातो में बात शादियों तक पहुंच जाती है. कुछ शादियां सफल हो जाती है कुछ शादियां असफल. 

-इन कलाकारों ने किया अभिनय
नाटक में डॉ. बुलबुल नायक, करण सोनी, मनन आसुदानी , देवांग सैनी, खुशबू आसुदानी,जावेद अख्तर, जॉर्ज ग्रोवर और सुशांत सेन ने अपने अभिनय क्षमता का परिचय दिया.