राज्यपाल ने कहाँ, शिक्षा से विकास की राहें खुलती है

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि भारत ज्ञान परंपरा में श्रेष्ठतम रहा है. शिक्षा से विकास की राहें खुलती है.

राज्यपाल ने कहाँ, शिक्षा से विकास की राहें खुलती है

Ananya soch: 9th Convocation of Maharaja Ganga Singh University

अनन्य सोच। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में बुधवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि दीक्षांत, शिक्षा का अंत नहीं शुरूआत है. विद्यार्थी इस दौरान सीखे हुए ज्ञान का उपयोग भावी जीवन के निर्माण, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें. बीकानेर को सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल की तपोभूमि बताते हुए कहा कि प्राचीन ज्ञान की धारा से आलोकित नई शिक्षा नीति के अंतर्गत युवा पीढ़ी भारत के गौरव से कैसे जुड़े, इस पर सभी स्तरों पर चिंतन होना चाहिए. 

सीखने की कोई आयु नहीं
राज्यपाल ने कहा कि सीखने की कोई आयु नहीं होती. पुस्तकें इसका सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं. नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. यह नीति रोजगार पाने वाले नहीं रोज़गार देने की मानसिकता से जुड़ी है. विद्यार्थी ऐसे हुनर सीखें जिससे भविष्य में उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पडे़. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और आर्गेनाइजर के सम्पादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि विश्वविद्यालयों का दायित्व केवल विद्यार्थियों को पढ़ाना अथवा उपाधियां देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में मानवता, सहिष्णुता, स्वीकार्यता, तर्क, विचारों के विकास तथा सत्य की खोज के लिए प्रेरित करना है. महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने आभार जताया.