गोविंद देवजी मंदिर में हुआ कुंभ जल का वितरण, आज घर बैठे कर सकेंगे स्नान
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Ananya soch
अनन्य सोच। गोविंद देवजी मंदिर में सोमवार को राजभोग झांकी के बाद प्रयागराज कुंभ का जल वितरित किया गया. मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी और मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने मंदिर के जगमोहन में कुंभ जल से भरे तांबे के कलश भेंट किए. सभी से आग्रह किया गया कि ये जल अन्य लोगों को भी दें. इसके बाद करीब त्रिवेणी संगम से भरी छह हजार शीशी दर्शनार्थियों को भेंट की गई. लोगों ने श्रद्धाभाव से शीशी ग्रहण की। लोगों ने मंदिर प्रबंधन के आग्रह पर अन्य लोगों को भी कुंभ जल प्रदान किया. एक अनुमान के मुताबिक एक ही दिन में ग्यारह हजार से अधिक लोगों तक कुंभ जल वितरित हो गया. मंगलवार को मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान का पुण्य लाभ लोग घर बैठे उठा सकेंगे.
इससे पूर्व नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में कुंभ घट का विधिवत पूजन किया गया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली ने नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न करवाया. कृष्ण गायत्री और राधा गायत्री मंत्र से यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान की गई. एक बुराई छोडऩे एक अच्छाई ग्रहण करने के साथ श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति की. मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि आगामी 19 जनवरी को सुबह नौ से ग्यारह बजे तक निशुल्क नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा.
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज महाकुंभ में प्रथम शाही स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगा। लाखों की संख्या में संगम तट पर डुबकी लगाएंगे. किसी कारणवश प्रयागराज नहीं पा पाने वाले छोटीकाशी के श्रद्धालु घर बैठे भी त्रिवेणी संगम के जल से कुंभ स्नान का पुण्य कमा सकेंगे. इसलिए प्रयागराज कुंभ में लगे गोविंद धाम के माध्यम से बड़ी मात्रा में त्रिवेणी संगम का जल जयपुर लाया गया.
प्रयागराज में विराजे हैं आराध्य देव:
गौरतलब है कि प्रयागराज में गोविंद धाम के नाम से धार्मिक शिविर लगाया गया है. वहां आराध्य देव गोविंद देवजी राधा रानी संग विराजमान है। जयपुर की तरह सातों झांकियां हो रही है. शिविर में जयपुर से जाने वालों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है.