World Animal Day: 'पशुओं को बचाओ, ग्रह को बचाओ' 100 वर्षों की विरासत और नया वैश्विक संकल्प

वर्ल्ड एनिमल डे आज

World Animal Day: 'पशुओं को बचाओ, ग्रह को बचाओ' 100 वर्षों की विरासत और नया वैश्विक संकल्प

Ananya soch: World Animal Day

अनन्य सोच। आज पूरी दुनिया विश्व पशु दिवस (World Animal Day) मना रही है. यह अवसर इस बार और भी खास है क्योंकि इसकी शुरुआत को पूरे 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. 1925 में जर्मनी के बर्लिन में सायनोलॉजिस्ट हेनरिक जिमरमैन ने इस दिवस की नींव रखी थी. 4 अक्टूबर को चुना गया क्योंकि यह दिन संत फ्रांसिस ऑफ असिसी का स्मृति दिवस है, जिन्हें पशुओं का संरक्षक संत माना जाता है. इस वर्ष की थीम है – “Save Animals, Save the Planet!” (पशुओं को बचाओ, ग्रह को बचाओ). 

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विकास

विश्व पशु दिवस की शुरुआत 24 मार्च 1925 को बर्लिन के स्पोर्ट पैलेस में हुई थी, जहां लगभग 5,000 लोगों ने भाग लिया. स्थान की उपलब्धता न होने से तिथि बदली गई, लेकिन 1931 में फ्लोरेंस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पशु संरक्षण कांग्रेस ने इसे 4 अक्टूबर को आधिकारिक मान्यता दी. आज यह दिवस 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है, जिसमें पालतू जानवरों से लेकर वन्यजीवों और कृषि पशुओं तक की सुरक्षा पर बल दिया जाता है. 

थीम का महत्व: 'Save Animals, Save the Planet!'

यह थीम सिर्फ नैतिक संदेश नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक चेतावनी है. पशु पारिस्थितिकी तंत्र के कीस्टोन हैं – वे मिट्टी की उर्वरता बनाए रखते हैं, बीज फैलाते हैं, कीट नियंत्रित करते हैं और जलवायु संतुलन में मदद करते हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 1970 से अब तक 68% वन्यजीव आबादी घट चुकी है. जलवायु परिवर्तन से आज करीब10 लाख प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 75% नए संक्रामक रोग पशुओं से मनुष्यों में आते हैं. इसलिए पशु संरक्षण सिर्फ संवेदना नहीं, बल्कि महामारी रोकथाम का भी साधन है. 

वैश्विक गतिविधियां और जागरूकता अभियान

इस वर्ष बोस्टन से सिडनी तक हजारों आयोजन हो रहे हैं. 

American Animal Hospital Association (AAHA) ने ‘वन हेल्थ गाइडलाइंस’ जारी की हैं, ताकि पशु चिकित्सक और पर्यावरणविद मिलकर कार्य कर सकें. भारत में पशु प्रेमी और संगठन आवारा पशुओं के लिए आश्रय, संरक्षण परियोजनाएं और क्रूरता-मुक्त जीवनशैली** को बढ़ावा देने का आह्वान कर रहे हैं. 
 विश्व पशु संरक्षण (World Animal Protection) ने गाइड जारी की है जिसमें बताया गया है कि कैसे आम लोग भी छोटे-छोटे बदलावों से पशुओं की जिंदगी बेहतर बना सकते हैं. 

इस वर्ष की थीम प्रतियोगिता के विजेता समर (Samar) को विशेष सम्मान मिला, जिनके विचार ने स्पष्ट किया कि बाघ या भेड़ियों जैसी प्रजातियों की रक्षा का अर्थ पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना है. 

चुनौतियां और भविष्य की दिशा

औद्योगिक खेती, प्लास्टिक प्रदूषण, और आवास विनाश पशु जीवन के सबसे बड़े खतरे हैं. 
जैव विविधता के लगातार घटने से करोड़ों प्रजातियां खतरे में हैं. 
 विशेषज्ञों के अनुसार, यदि हम अभी कदम नहीं उठाते तो आने वाले दशकों में कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं. 

छोटे प्रयासों से बड़ा बदलाव संभव है

प्लास्टिक का कम उपयोग करना
शाकाहारी या सतत आहार अपनाना
वन्यजीव संरक्षण परियोजनाओं का समर्थन करना
पशु क्रूरता से मुक्त उत्पादों का चयन करना

विश्व पशु दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि कॉल टू एक्शन है. यह हमें याद दिलाता है कि जैसे संत फ्रांसिस ने सभी पशुओं को भाई-बहन माना, वैसे ही हमें भी उन्हें सम्मान और सुरक्षा देनी चाहिए. 

आज, 100 वर्षों की इस विरासत पर खड़े होकर हम सब एक नया संकल्प लें –
“पशुओं को बचाकर ही हम अपने ग्रह को बचा सकते हैं.