महाकुंभ हादसा और सचिन पायलट की प्रतिक्रिया

महाकुंभ हादसा और सचिन पायलट की प्रतिक्रिया

Ananya soch: Maha Kumbh incident and Sachin Pilot's reaction

अनन्य सोच। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उत्तर प्रदेश सरकार पर महाकुंभ मेले में हुई अव्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार केवल रिकॉर्ड बनाने और प्रचार में लगी रही, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने वीआईपी संस्कृति पर भी सवाल उठाया, यह कहते हुए कि प्रशासन आम लोगों की बजाय बड़े नेताओं की आवभगत में व्यस्त रहता है, जिससे ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं. 

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सचिन पायलट की भागीदारी

सचिन पायलट जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में भाग लेने के लिए जयपुर के होटल क्लार्क आमेर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वे हर साल इस फेस्टिवल में आते हैं और इसे अपने लिए गर्व की बात मानते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि JLF एक ऐसा मंच है, जहाँ विभिन्न विषयों पर खुलकर चर्चा होती है और विचारों का आदान-प्रदान किया जाता है. भले ही सभी की राय अलग हो, लेकिन बातचीत और विचार-विमर्श जरूरी है. 

सचिन पायलट ने कहा कि दुनियाभर में साहित्य उत्सव आयोजित किए जाते हैं, लेकिन यह गर्व की बात है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत जयपुर से हुई. उन्होंने लोगों से अपील की कि इस आयोजन को और भव्य बनाया जाए, क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत को संजोने में मदद मिलती है। उन्होंने इस आयोजन को रोजगार सृजन से भी जोड़ा और कहा कि ऐसे महोत्सवों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलते हैं. 

महाकुंभ और व्यक्तिगत आस्था पर प्रतिक्रिया

महाकुंभ मेले में भाग लेने को लेकर पूछे गए सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि हर व्यक्ति की अपनी धार्मिक आस्था होती है और इसे प्रदर्शित करने या इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हर व्यक्ति को अपने धर्म और आस्था के पालन की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए. 

राजस्थान के लिए विशेष राज्य का दर्जा और बजट पर सवाल

सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कई वर्षों से राजस्थान की अनदेखी कर रही है. उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि पिछले बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने राजस्थान का नाम तक नहीं लिया था. 

उन्होंने राजस्थान के विकास कार्यों को लेकर केंद्र सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि—
1. राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद किसी भी नई राष्ट्रीय परियोजना में शामिल नहीं किया जाता. 
2. नई रेल लाइनों और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में राजस्थान को प्राथमिकता नहीं दी जाती. 
3. राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा, जिससे राज्य को केंद्रीय योजनाओं और आर्थिक सहायता का अतिरिक्त लाभ मिल सकता था.
उन्होंने उम्मीद जताई कि राजस्थान की भाजपा सरकार केंद्र पर दबाव बनाकर राज्य के हितों की रक्षा करेगी, जिससे यहाँ निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ सकें. 

राजस्थान में विधानसभा सत्र और कांग्रेस का रुख

राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने पर सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदन में भाजपा सरकार के कार्यकाल में लिए गए फैसलों का लेखा-जोखा रखेगी. उन्होंने भाजपा सरकार के कुछ प्रमुख फैसलों की आलोचना करते हुए कहा कि—
1. सरकार बनने के बाद कई सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया।
2. जिलों को खत्म करने का फैसला लिया गया, जिससे प्रशासनिक व्यवस्थाएँ प्रभावित हुईं. उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर सदन में सरकार से जवाब माँगा जाएगा. 

निष्कर्ष

सचिन पायलट ने महाकुंभ हादसे में प्रशासनिक लापरवाही की आलोचना करते हुए वीआईपी संस्कृति पर सवाल उठाए. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की महत्ता को रेखांकित किया और इसे राजस्थान की पहचान के रूप में देखा. उन्होंने राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने और केंद्र सरकार द्वारा राज्य की अनदेखी किए जाने के मुद्दे को भी उठाया. इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए विधानसभा में इन विषयों पर चर्चा करने की बात कही.