Jaipur Art Festival: प्रदर्शित कलाकृतियों में 80 प्रतिशत कलाकृतियां देश की महिला कलाकारों द्वारा बनाई गई
Jaipur Art Festival:
Ananya soch: Jaipur Art Festival
अनन्य सोच। Jaipur Art Festival: कला के विविध रूपों और शैलियों को एक मंच पर साकार करने के लिए बुधवार जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में रंगो और रूपाकारों से सराबोर माहौल में पांच दिवसीय जयपुर कला महोत्सव के सातवें एडीशन की शुरुआत हुई. कला महोत्सव के इस सातवें एडीशन की खासियत ये है कि इस बार का महोत्सव देश की महिला शक्ति को समर्पित है.
यहां प्रदर्शित कलाकृतियों में 80 प्रतिशत कलाकृतियां देश की महिला कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं. यही वजह है कि यहां प्रदर्शित कलाकृतियों में महिलाओं के सुकोमल भाव सहज ही जीवंत हो रहे हैं.
कला को जीवंत बनाए रखने की दिशा में राजस्थान सहित देश के अनेक प्रांतों के कलाकार यहां अपना हुनर दिखाने लिए मौजूद हैं. कला के ये आयोजन राजस्थान यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट डिपार्टेंट और प्रतिभा एजुकेशनल डवलपमेंट रिसर्च सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है.
पांच दिवसीय इस मेले का उद्घाटन भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी पवन अरोड़ा, पद्मश्री से सम्मानित चित्रकार एस. शाकिर अली, वैदिक चित्रकार रामू रामदेव, मेला संयोजक बी.एम चांदना और राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीजुअल आर्ट डिपार्टमेंट के हैड सुमित सेन ने किया.
इस मौके सुमित सैन ने कहा कि महोत्सव की व्यापकता और सार्थकता को देखते हुए पिछले सालों की तरह इस बार भी राजस्थान यूनिवर्सिटी ने भी इसमें सहभागिता करने का निर्णय किया है. इस महोत्सव में यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के स्टूडेंट को भी यहां अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं ताकि यहां आने वाले लोग देश के नामी कलाकारों की कृतियों के साथ हमारी युवा पीढ़ि की कलात्मक अभिव्यक्ति के हुनर का भी आनन्द उठा सकें.
ये कलाएं कर रही हैं आकर्षित
दृश्यकला की यथार्थवादी, समकालीन और आधुनिक चित्रकला/मूर्तिकलाओं के नामी वरिष्ठ और युवा कलाकारों की कलाओं के एक से बढ़कर एक नमूनों के साथ टेक्सटाईल, फोटोग्राफी, पेपेरमैशी, ज्यूलरी, मैटल क्राफ्ट, आर्किटैक्चर, वुड क्राफ्ट और इंस्टालेशन कलाएं, कलाप्रेमियों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं.
शिल्पग्राम के मुख्य द्वार पर प्रवेश करते ही बांई ओर विनीता आर्ट्स व आर्ट ट्यून की गैलरी में प्रदर्शित श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित पोस्टकार्डस की सीरीज़ देखने योग्य है. इस श्रंखला में देश के अलग अलग हिस्सों से कलाकारों ने एक समय संदेश वाहक के रूप में काम में लिए जाने वाले पोस्टकार्ड्स पर श्रीराम जी के जन्मोत्सव, शिक्षा प्राप्ति, धनुष यज्ञ, वन गमन, शबरी प्रसंग, हनुमान सुग्रीव मिलन, लंका दहन और रावण वध सहित संपूर्ण प्रसंगों को चित्रित किया है.
मध्यप्रदेश की दुबु बरिया और शर्मा बरिया तथा विजय कुमार श्याम ने वहां की गोद आर्ट को हैंड मेड पेपर और कपड़े पर चित्रित किया है. प्राचीन काल से ये कला इस क्षेत्र में दीवारों पर मांडणे के रूप में चित्रित की जाती रही है. इनकी चित्रित कृतियों में पशु, पक्षियों सहित कई तरह की कलात्मक आकृतियां देखने योग्य हैं.
कोलकाता की शोनाली मोइत्रोपॉल ने ब्रांज के आधा फुट और एक एक फुट के स्कल्पचर प्रदर्शित किए हैं. इन स्कल्पचर में कई तरह की मानवीय आकृतियां देखने योग्य हैं.
इसी तरह मधु सैनी, मीनाक्षी खींची, रति जोशी, कौशल्या बांकोलिया के बनाए भगवान बुध, श्रीनाथ भगवान और नृत्यमयी नारी के चित्र, कविता उपाध्याय और रश्मि राजावत के बनाए वीणा बजाते भगवान शिव और सोलह श्रंगार करके बैठी नायिका की पेंटिंग भी खास हैं.
जयपुर कला महोत्सव 28 जनवरी तक सुबह 11 बजे से रात 9.00 बजे तक खुला रहेगा। यहां आने वालों के लिए फूड कोर्ट पर भी तरह तरह के व्यंजन उपलब्ध करवाए गए हैं.