City Palace news: सिटी पैलेस में पारंपरिक भारतीय कलाओं की बारीकियों से रु-ब-रु हो रहे शहर के युवा
Ananya soch: traditional Indian arts
अनन्य सोच। City Palace news: सिटी पैलेस में आयोजित एक माह के सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर में शहर के युवा पारंपरिक भारतीय कलाओं की बारीकियों से रु-ब-रु हो रहे हैं.
इस शिविर का उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारत की संस्कृति, समृद्ध कला व शिल्प से परिचित कराना है. शिविर का आयोजन महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट द्वारा पारंपरिक कलाओं की प्रतिनिधि संस्था 'रंगरीत' तथा 'सरस्वती कला केन्द्र' के सहयोग से किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण शिविर 21 जून तक आयोजित होगा.
महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय एवं ट्रस्ट के निदेशक, श्री वैभव चौहान ने बताया कि यह शिविर पारंपरिक कला व संस्कृति को बढ़ावा देने की जयपुर राज परिवार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि यह गत 26 वर्षों से इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इस वर्ष पहली बार प्रतिभागियों को प्रशिक्षक ब्रजमोहन खत्री द्वारा वैदिक ज्योतिष से भी परिचित कराया जा रहा है.
उन्होंने आगे बताया कि शिविर के दौरान दौलत सिंह द्वारा प्रतिभागियों को हमारे शहर के प्रख्यात स्मारक जंतर-मंतर का भी भ्रमण करवाया गया, जिससे की उन्हें जंतर-मंतर के इतिहास और उससे जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तृत ज्ञान हासिल हो सके.
इस प्रशिक्षण शिविर का समन्वय रामू रामदेव द्वारा किया जा रहा है, जो बाबूलाल मारोटिया के साथ 'पारंपरिक चित्रकला' के गुर सिखा रहे हैं.
डॉ. मधुभट्ट तैलंग 'ध्रुवपद' कार्यशाला का संचालन कर रही हैं, तो वहीं डॉ. नाथूलाल वर्मा 'आराईश (फ्रेस्को)' की बारीकियां सिखा रहे हैं. इसी प्रकार, डॉ. ज्योति भारती गोस्वामी 'कथक एवं लोक नृत्य' कार्यशाला का संचालन कर रहीं हैं। श्री आर.डी. गौड़ छात्रों को 'बांसुरी' सिखा रहे हैं. लक्ष्मी नारायण कुमावत 'मांडना' और श्री अशोक 'कैलीग्राफी' का प्रशिक्षण दे रहे हैं.