What is pickleball : फिटनेस, मस्ती और करियर का नया सितारा
अविनाश।

Ananya soch: Pickleball
अनन्य सोच। What is pickleball: खेल जगत में पिकलबॉल (Pickleball) एक उभरता हुआ सितारा बन चुका है. टेनिस, बैडमिंटन और टेबल टेनिस का मिश्रण कहे जाने वाले इस खेल ने कम समय में वैश्विक पहचान बनाई है. अमेरिका से शुरू हुआ यह खेल अब भारत समेत कई देशों में लोकप्रियता की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे बच्चे, युवा और बुजुर्ग – सभी आसानी से खेल सकते हैं. हल्के पैडल और छेददार प्लास्टिक की गेंद से खेला जाने वाला पिकलबॉल न सिर्फ फिटनेस को बढ़ावा देता है बल्कि मनोरंजन और टीमवर्क का शानदार जरिया भी है.
ये है खासियत (new trending game)
पिकलबॉल का कोर्ट बैडमिंटन कोर्ट जैसा होता है और इसमें सिंगल्स या डबल्स दोनों तरह से मुकाबला खेला जा सकता है. खेल के नियम बेहद सरल हैं, जिससे शुरुआती खिलाड़ी भी इसे तुरंत सीख लेते हैं. यही वजह है कि स्कूलों, कॉलेजों और खेल अकादमियों में पिकलबॉल तेजी से अपनाया जा रहा है. खास बात यह भी है कि यह खेल शरीर पर अधिक दबाव नहीं डालता, इसलिए बुजुर्ग और महिलाएँ भी इसमें सहज महसूस करती हैं.
भारत में बीते कुछ वर्षों में पिकलबॉल ने उल्लेखनीय प्रगति की है. युवा खिलाड़ी इसे करियर विकल्प के रूप में देखने लगे हैं और फिटनेस ट्रेनर्स इसे संपूर्ण व्यायाम की श्रेणी में मानते हैं. यह खेल हृदय और मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ रिफ्लेक्सेस और फुर्ती को भी बढ़ाता है.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पिकलबॉल केवल एक खेल नहीं, बल्कि तनाव कम करने और सामाजिक जुड़ाव का माध्यम बन गया है. परिवार और दोस्तों के साथ खेला जाने वाला यह खेल रिश्तों में भी नयापन लाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में पिकलबॉल भारत में क्रिकेट और बैडमिंटन की तरह बड़े पैमाने पर लोकप्रिय हो सकता है. संक्षेप में, पिकलबॉल सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि फिटनेस, मनोरंजन और करियर का नया अध्याय है, जो भारतीय खेल संस्कृति को नई दिशा देने के लिए तैयार है.