जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित
पहली बार स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से 20 हजार विद्यार्थियों को मिल रही ई-कंटेंट लर्निंग, राज्य सरकार ने जनजाति विभाग के लिए पृथक कैडर की दी स्वीकृति, 10 हजार 367 वन अधिकार के व्यक्तिगत पट्टे जारी –जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री
अनन्य सोच, जयपुर। जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा है कि राज्य सरकार जनजाति क्षेत्र के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने इस वर्ग के उत्थान के लिए कई योजनाएं और विकास कार्यक्रम संचालित किए हैं। बामनिया सोमवार को विधानसभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (मांग संख्या-30) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की 283 अरब 56 करोड़ 38 लाख 15 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी। जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में जनजाति समाज की उन्नति के लिए विभाग द्वारा 410 आश्रम छात्रावासों व 46 आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें करीब 40 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क आवास, भोजन तथा शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है। अनुसूचित क्षेत्र में 9 कॉलेज छात्रावासों का संचालन कर 500 छात्र-छात्राओं को तथा 6 बहुउद्देशीय छात्रावासों में 700 बालक-बालिकाओं को निःशुल्क आवास व भोजन की सुविधा प्रदान की जा रही है। बामनिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गत 4 वर्षों में कोरोना जैसी महामारी के बावजूद जनजातीय छात्र-छात्राओं को सभी तरह की सुविधाएं देकर लाभान्वित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति विभाग के लिए पृथक् कैडर की स्वीकृति दी जा चुकी है और अब केवल इसकी विज्ञप्ति जारी करना ही शेष है। उन्होंने बताया कि विद्या सम्बल योजना के अंतर्गत विभाग की शिक्षण संस्थाओं में रिक्त पदों के विरुद्ध विषय विशेषज्ञों की गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से बेहतर शिक्षा सुनिश्चित की गई है। श्री बामनिया ने कहा कि सहरिया क्षेत्र में कक्षा 1 से 5 के तक के विद्यार्थियों के लिए 1000 रुपए व कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए 2500 रुपए ड्रेस के लिए दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में जनजाति क्षेत्र के 3529 बच्चों ने लाभ लिया है। श्री बामनिया ने बताया कि विभाग द्वारा प्रति छात्र प्रतिवर्ष 2000 रुपए हॉस्टल के रख-रखाव एवं मरम्मत के लिए दिए जा रहे हैं।