रामभद्राचार्य महाराज ने कहा, रामचरितमानस जैसी रामकथा मैंने कहीं नहीं देखी
रामभद्राचार्य महाराज का मानना है कि रामचरितमानस जैसी रामकथा मैंने कहीं नहीं देखी. राजतिलक की करो तैयार आ रहे है अयोध्याधारी.रावण वध का प्रसंग सुनाते हुए महाराज ने कहा- हे लक्ष्मण जिस समय रावण ने विभिषण के छाती पर लात मारा, रावण उसी समय मर गया.
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Ananya soch
अनन्य सोच। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित 9 दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन रावण वध, राम भरत मिलाप और राम राज्याभिषेक का प्रसंग सुनाया गया. रामभद्राचार्य महाराज ने मंगल भवन अमंगल हारी के साथ राजाधिराज श्रीराम चंद्र जी महाराज को खम्मा घणी के साथ कथा का समापन किया गया.
रामभद्राचार्य महाराज ने कहा, मैं कभी चाटुकारिता नहीं करता मेरा उत्तराधिकारी मुझसे प्रेम बहुत करता है.
रामभद्राचार्य महाराज कथा के आखिरी दिन बोलें आज रामजी राजा बन गए, सीताजी महारानी बनी है. रामजी से मैं एक ही दक्षिणा मांग रहा हूं. हे भगवान एक यही दक्षिणा दे दीजिए. जिस तरीके से आपने राममंदिर वापस कर दिया. मेरे साथ आंदोलन करने वाले सभी चले गए. केवल मैं बचा हूं. मैं बस इतना मांग रहा हूं कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमको मिल जाए. भगवान से मेरी यही दक्षिणा होगी.