कला एक साधना है जिसका कलाकार साधक होता है: राजेंद्र राठौड़

कला को बचाए रखने का काम सिर्फ कलाकारों का नहीं बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है: राजेंद्र राठौड़ महिला कलाकारों का अभिनंदन व सम्मान समारोह आयोजित कैनवास पर वीरांगनाओं की सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग उकेरने वाली महिला कलाकारों को किया सम्मानित

कला एक साधना है जिसका कलाकार साधक होता है: राजेंद्र राठौड़

अनन्य सोच, जयपुर। राजनीति और कलाकार में काफी भिन्नताएं हैं दोनों क्षेत्रों के रास्ते काफी अलग हैं लेकिन अगर दोनों एक साथ आएं तो समाज में नया बदलाव लाकर समाज का भला करने का काम कर सकते हैं, यह कहना था नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का। राठौड़ ने यह बातें रविवार को आर्ट ट्यून और विनीता आर्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कलाकारों के अभिनंदन व सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहीं, राठौड़ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। राठौड़ ने आगे कहा कि मुझे आज कलाकारों के बीच पहुंचकर उनके जीवन और कला के बारे में करीब से जानने का मौका मिला। कला एक साधना है जिसका कलाकार साधक होता है और कैनवास पर चित्र उकेरकर समाज को जागरुक करने का दम रखता है। इसलिए ऐसी पवित्र कला को बचाए रखने का काम सिर्फ कलाकारों का नहीं बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है।  आर्ट ट्यून, विनीता आर्ट के संयुक्त तत्वावधान में आर्टिस्ट के लिए अभिनंदन व सम्मान समारोह (आर्टिस्ट फेलिसिटेशन सेरेमनी) का भव्य आयोजन रविवार को संसारचंद्र रोड स्थित होटल आर्य निवास पैलेस के सहयोग से होटल प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम के आयोजक विनीता, अरिजीत मुखर्जी और वेन्यू पार्टनर तरुण बंसल रहे। ज्यूरी मेंबर ने सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग का चयन कर प्रथम विजेता महिला कलाकार को 10,000, द्वितीय को 7,000 और तृतीय विजेता को 5,000 रुपए और अन्य 9 कलाकारों को 1-1 हजार रुपए का नकद सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया। विनीता आट्र्स की विनीता ने बताया कि महिला दिवस के उपलक्ष्य में अप्रैल 2023 में आर्ट ट्यून, विनीता आर्ट व सृजन आर्ट प्रमोशनल सोसाइटी की और से रवींद्र मंच पर वीरांगनाओं पर आधारित आयोजित हुई तीन दिवसीय वूमन आर्ट ऑरा एक्जीबिशन के पांचवे सीजन के तहत विजेता महिला कलाकारों को सम्मानित किया गया। वूमन आर्ट ऑरा एक्जीबिशन का आयोजन हर साल आर्ट ट्यून व विनीता आर्ट द्वारा किया जाता है। इस वर्ष एक्जीबिशन का पांचवा एडिशन आयोजित किया गया था जिसमें 50 महिला कलाकारों नें मीरा बाई, हाड़ी रानी, रानी पद्मिनी, काली बाई (वीर भील छात्रा), रानी रत्नावती, पन्ना धाय और अमृता देवी विश्नोई जैसी महान वीरांगनाओं की पैंटिंग कैनवास पर उकेरकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी साथ ही 130 पेंटिंग डिस्प्ले भी की गई थीं। विनीता ने आगे बताया कि हमने इस एक्जीबिशन का शीर्षक वीरांगनायें रखा.