शिवभक्तों ने दुगुने उत्साह के साथ शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक

Ananya soch
अनन्य सोच। सावन के पहले सोमवार को छोटीकाशी शिवमय हो उठी. दिनभर रह रह कर हुई रिमझिम और काली घटाओं ने सावन का भरपूर अहसास कराया. ऐसे में शिवभक्तों ने दुगुने उत्साह के साथ शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. छोटे-बड़े शिवालयों में दिनभर जलाभिषेक का सिलसिला चलता रहा. कई शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक और सहस्त्रघट के अनुष्ठान हुए. ओम नम: शिवाय मंत्र की स्वर लहरियों शिवालयों में तडक़े से लेकर रात तक गूंजायमान होती रही. ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ शिव मंदिरों में उमड़ पड़ी. शिवलिंगों का दूध, जल, बिल्वपत्र, फल सहित विविध सामग्री से अभिषेक किया. कुंवारी कन्याओं ने उत्तम वर की कामना से और सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रख शिव-पार्वती का पूजन किया। कई शिव मंदिरों में अभिषेक में प्रयुक्त जल को व्यर्थ बहाने के बजाय एकत्र कर जल संरक्षण का प्रेरक संदेश भी दिया गया. सावन के प्रथम सोमवार को झांकियों में श्रद्धा और संस्कृति की झलक झांकी देखने को मिली. प्रमुख मंदिरों में ज्योतिर्लिंगों की तर्ज पर भव्य झांकियों का आयोजन हुआ. शाम को देशी-विदेशी फूलों से विशेष श्रृंगार ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया.
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि प्रथम सोमवार को घनिष्ठा नक्षत्र, आयुष्मान योग और मासिक गणेश चतुर्थी का दुर्लभ संयोग बना। ऐसे में भक्तों ने भगवान शिव और गणपति की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धाभाव से अभिषेक-पूजन किया.
झाडख़ंड महादेव मंदिर के बब्बू सेठ मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी ने बताया कि मंदिर में भक्तों ने लाइनों के जरिए प्रवेश करते हुए अभिषेक किया। भक्तों के लिए रामझारों की व्यवस्था की गई है. दर्शनों की शुरुआत सुबह 4.45 बजे से हो गई. गायत्री चेतना केन्द्र वैशालीनगर के सतीश भाटी, उमा भाटी एवं अन्य ने श्रद्धालुओं को दिनभर शर्बत पिलाया. गलताजी से कावड़ लेकर आने वाले कावडिय़ों को दूध और फल वितरण किया गया. चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 3:30 बजे भोलेनाथ के पट खुल गए. आरती के बाद चार बजे से अभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया गया जो दोपहर तक चला. मंदिर के पुजारी सत्य नारायण पाराशर और शक्ति व्यास के सान्निध्य में सुबह 151 किलो घी से अभिषेक किया गया. शाम को 3100 किलो आम से भोलेनाथ और मंदिर की सजावट की गई. सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने यहां भगवान भोलेनाथ का भक्तिभाव से पूजन किया.
गोविंद देवजी मंदिर ठिकाने के आमेर रोड स्थित काला महादेव मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया. बड़ी संख्या में भक्तों ने भी जलाभिषेक किया। झोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही जलाभिषेक करने वालों की कतार बाहर सडक़ तक पहुंच गई. हर हर महादेव के जयघोष के साथ भक्तों ने अभिषेक कर अद्र्ध नारीश्वर के दर्शन किए और शिव चालीसा का पाठ किया. बनीपार्क स्थित जंगलेश्वर मंदिर में श्वेत शिवलिंग का सुबह से दोपहर तक भक्तों ने जलाभिषेक किया. शाम को फूलों से सुंदर झांकी सजाई गई. आमेर के भूतेश्वर, रामगंज के ओंढा महादेव, चांदनी चौक स्थित प्रतापेश्वर, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर, कूकस स्थित सदाशिव ज्योर्तिलिंगेश्वर सहित अन्य शिवालयों में भी सुबह ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर तक भक्तों ने जल से शिवाभिषेक किया.
बोल बम ताडक़ बम से गूंजी गलताजी
सावन के पहले सोमवार को गलता तीर्थ से कांवड़ यात्राओं की धूम रही। देर रात को ही कावडिय़ों के समूह गलताजी पहुंच गए. यहां से पवित्र जल कावड़ में भरकर श्रद्धालु हर हर महादेव का उद्घोष करते हुए शहर के विभिन्न शिवालयों की ओर बढ़े। चारदीवारी में कावड़ यात्राओं के पहुंचने पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. दोपहर को कॉलोनियों के शिव मंदिरों में कावड़ जल से भोलेनाथ का अभिषेक किया गया. सभी शिवालयों शाम को भगवान भोलेनाथ का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। कई शिवालयों में कोलकाता, बेंगलूरु सहित अन्य शहरों तथा विदेशों से मंगाए फूलों से भोलेनाथ का मनभावन श्रृंगार किया गया.
रात्रि को भजन संध्याओं का आयोजन किया गया। कलाकारों ने भजनों से भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया.
महिलाओं ने पहनी लहरिया साड़ी
सावन के पहले सोमवार को महिलाओं ने लहरिया साड़ी और सूट पहनकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया. विभिन्न संगठनों, संस्थाओं की महिलाओं ने एक ही रंग की लहरिया साड़ी पहनकर सामूहिक रूप से पहला वन सोमवार मनाया. दोपहर बाद सामूहिक रूप से बगीचे में व्रत खोला.