Jyoti Kalash Rath Yatra: देवालयों में देवताओं ने किए देवमाता के दर्शन

-मोतीडूंगरी, गोविंद देवजी, ताडक़ेश्वर जी सहित दर्जनों मंदिर पहुंची हरिद्वार की ज्योति कलश रथ यात्रा

Jyoti Kalash Rath Yatra: देवालयों में देवताओं ने किए देवमाता के दर्शन

Ananya soch: Jyoti Kalash Rath Yatra

अनन्य सोच। Jyoti Kalash Rath Yatra:  अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार से आई Jyoti Kalash Rath Yatra बुधवार को चारदीवारी के प्रमुख स्थानों से गुजरी. गायत्री माता की जयघोष और प्रेरक नारों से परकोटा गायत्रीमय हो उठा. पीली पोशाक में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता और मातृ शक्ति ने रथ यात्रा के माध्यम से लोगों को एक बनने और नेक बनने का संदेश दिया. शास्त्रों में गायत्री को देवताओं की मां कहा गया है। किसी भी देवी-देवता की उपासना के साथ गायत्री मंत्र का जप वैदिक काल से होता आया है. सभी देवता भी गायत्री मंत्र का जाप करते रहे हैं. बुधवार को छोटीकाशी के देवता अपने मंदिर में मां गायत्री के दर्शन कर जैसे निहाल हो उठे. बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां-पुत्र का मिलन के साक्षी बने. 

बुधवार को Motidungri ganesh mandir से रथ यात्रा का श्रीगणेश हुआ. मंदिर महंत पं. कैलाश शर्मा ने ज्योति रथ की आरती उतारी. प्रथम पूज्य के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने भी मां गायत्री, गुरु सत्ता और ज्योति कलश के दर्शन किए। यहां से रथ सांगानेर गेट स्थित hanuman mandir पहुंचा. मंदिर प्रबंधन ने मां गायत्री और कलश में प्रतिष्ठित कलश की आरती की. चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर मंदिर के बाहर जयपुर नगर निगम हैरिटेज की महापौर कुसुम यादव ने बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ ज्योति कलश का स्वागत किया. हम बदलेंगे-युग बदलेगा, हम सुधरेंगे-युग सुधरेगा के जयघोष के साथ जन-जन को समाजनिष्ठ बनने का संदेश देते हुए रथ यात्रा बड़ी चौपड़ स्थित ध्वजाधीश गणेश मंदिर पहुंची. पं. आनंद मेहता ने आरती कर स्वागत किया। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में राजभोग आरती के समय उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने दिव्य ज्योति कलश के दर्शन किए. यहां मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी और सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने रथ का स्वागत किया। शांतिकुंज हरिद्वार से प्रतिनिधियों का दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन किया. चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमान मंदिर के बाहर महंत गोपालदास महाराज ने आरती की. झूलेलाल मंदिर, नहर के गणेशजी सहित अन्य मंदिरों में ज्योति कलश रथ यात्रा का स्वागत किया गया. 

समाजों ने किया स्वागत:

चारदीवारी में निकली ज्योति कलश यात्रा का विभिन्न समाजों और संगठनों के प्रमुखों ने भी स्वागत किया. व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया. प्रमुख चौराहों पर बड़ी संख्या में स्थानीय परिजनों ने वेदमाता गायत्री और कलश की आरती उतारी और पुष्प वर्षा की। जयकारों के साथ आगे बढ़ते रथ के स्वागत के लिए लोग पलक पांवड़े बिछाए हुए रहे. कई जगह स्थानीय निवासियों ने सामूहिक रूप से स्वागत किया. बड़ी संख्या में मातृ शक्ति ने ज्योति कलश रथ यात्रा की अगवानी की. 

1926 में होगा समापन:

ज्योति रथ यात्रा पूरे देश में निकाली जा रही है। राजस्थान में सात रथ भ्रमण पर निकले हुए हैं. जयपुर जिले में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े तक यात्रा रहेगी। पूरे देश में यात्रा का समापन शांतिकुंज में प्रज्जवलित अखंड दीपक की 100 वर्ष की अवधि पूर्ण होने एवं माता भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी वर्ष होने पर बसंत पंचमी 2026 को होगा.