Ananya soch: Indore Waste Management Model Best
अनन्य सोच। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मध्यप्रदेश यात्रा में इंदौर प्रवास के दौरान नगर निगम इंदौर द्वारा संचालित अत्याधुनिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का अवलोकन किया. देवनानी ने इस प्लांट की कार्यप्रणाली और तकनीक की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि इंदौर का वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल बेस्ट है. इंदौर नगर निगम एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कचरा निस्तारण, रिसाइकलिंग प्रक्रियाओं एवं स्वच्छता मॉडल के विभिन्न पहलुओं के बारे में देवनानी को जानकारी दी.
अजमेर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में इंदौर जैसा प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार से श्री देवनानी करेंगे चर्चा:-
देवनानी ने कहा कि इंदौर नगर निगम द्वारा विकसित यह वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली देशभर के लिए प्रेरणास्त्रोत है. यह न केवल कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि नगरीय जीवन को स्वस्थ, स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है. देवनानी ने कहा कि अजमेर नगर निगम सहित राज्य के विभिन्न शहरों में इसी मॉडल पर आधारित अत्याधुनिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना हेतु प्रयास किए जाएंगे. इसके लिए देवनानी राज्य सरकार से चर्चा करेंगे ताकि "स्वच्छ राजस्थान" का लक्ष्य प्रभावी रूप से साकार किया जा सके. हमारी प्राथमिकता है कि नगरीय स्वच्छता में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण के अनुकूल और सतत समाधान अपनाए जाएं. इसके माध्यम से न केवल स्वच्छता, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा। स्वच्छता मिशन की दिशा में कचरे निस्तारण की प्रक्रिया निर्णायक पहल है, जो राजस्थान के विभिन्न शहरों के लिए लाभदायक हो सकती है.
कचरा निस्तारण एक गंभीर समस्याः—
देवनानी ने कहा कि कचरा निस्तारण एक गंभीर समस्या हैं. कचरे का निस्तारण भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक चुनौती बनी हुई है. अत्यधिक कचरा जमा होने से पर्यावरण प्रदूषण और बीमारियां होती है. खासकर प्लास्टिक कचरा वायु, जल और मिट्टी को प्रदूषित करता है. उन्होंने कहा कि कचरा निस्तारण वाकई एक जटिल समस्या है. लेकिन सही प्रयासों और आधुनिकतम तकनीक की विभिन्न पद्धतियों से समस्या का हल संभव है.
जन जागरूकता, सामूहिक भागीदारी और सख्त निगरानी आवश्यकः—
देवनानी ने कहा कि कचरा निस्तारण की समस्या का समाधान आधुनिकतम तकनीक से होगा लेकिन इसके लिए लोगों की जन-जागरूकता, उनकी सामूहिक भागीदारी के साथ सख्त निगरानी भी आवश्यक है. इससे समस्या कभी विकराल रूप नहीं ले सकेगी. उन्होंने कहा कि इस समस्या के निराकरण के लिए लोगों की इच्छा शक्ति और प्रशासनिक प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण पहलू है.