दूसरो के लेखन से अधिक अपने विचारों से प्रेरित रहे- अजय

दूसरो के लेखन से अधिक अपने विचारों से प्रेरित रहे-  अजय

अनन्य सोच। जाने-मन फिल्म समीक्षक और लेखक अजय ब्रह्मात्मज का कहना है की वो दूसरो के लेखन से अधिक उनके विचारों से प्रेरित रहे. उन्होंने अपने लेखन के सफर में हमेशा खुद की सोच को केंद्र में रख कर लिखा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में स्वीकार किया की उनके लेखन में उनकी अपनी पॉलिटिक्स परिलक्षित होती है। जिसको चुभनी होती है, चुभ जाती है और इसे ही मैं अपने लेखन की सफलता मानता हूं. अजय ने ये विचार शनिवार को प्रभा खेतान फाउंडेशन पहल 'कलम' के दौरान कही. 

होटल आईटीसी राजपुताना में एहसास वुमन जोधपुर की प्रीति मेहता ने अनेक रोचक सवाल के माध्यम से अजय ब्रह्मात्मज के बचपन, उनकी शिक्षा तथा अब तक की फिल्म पत्रकारिता के सफर से जुड़ी बातों को जीवंत किया. साथ ही फिल्म स्टार इरफान पर लिखी पुस्तक 'इरफान...और कुछ पन्ने कोरे रह गए' की विषय वस्तु और इरफान के साथ बिताए तीन दशक से भी अधिक समय के दौरान हुए रोचक अनुभवों को भी साझा किया.

-फिल्मी गॉसिप में मेरी को रुचि नहीं है

बातचीत के दौरान अजय ने कहा की लोग फिल्मी गॉसिप जानना और पढ़ना चाहते हैं, लेकिन इस तरह के लेखन में मेरी रुचि कभी नही रही. मेरा मानना है की एक 'सच्ची खबर' गॉसिप से ज्यादा असर करती है.

-मेरे पास लेखन से जुड़ा २५० जीबी का खजाना है

अजय  ने कहा की मैं शुरू से ही वामपंथी विचारधारा से प्रेरित रहा हूं. यही वजह थी की मेरी रुचि कभी भी धन कमाने अथवा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में नही रही. 1998 एक समय ऐसा भी आया जब देश का मीडिया अटल विचार धारा से प्रेरित रहा और मेरे आलेख छपना बंद हो गए लेकिन मैंने हार नहीं मानी और निरंतर लिखते हुए मैने अपना एक समृद्ध खजाना तैयार कर लिया. आज मेरे पास ऐसा 250 जीबी का खजाना है जो मेरे जेवर है. आज मैं समय समय पर उनको बेच कर अपना काम चलता रहता हूं.


-पुस्तक का विचार इरफान के देहांत के दो साल बाद आया

अजय ने कहा इरफान पर पुस्तक लिखने का विचार हालांकि उनके देहांत के बाद से ही पनप गया था पर तुरंत लाभ नहीं उठाने की प्रवृति की वजह से इसमें समय लगा. जब पता लगा की इरफान की पत्नी सुतापा इरफान  की जीवनी लिखना चाह रही है तो मैंने उनकी जीवनी लिखने की बजाय उनके साथ मेरे संस्मरण लिखना शुरू किया. इस पुस्तक में इरफान की 2003 में प्रदर्शित हुई फिल्म हासिल' के बाद किया गया विशेष साक्षात्कार भी शामिल है.

-जब इरफान ने राजेश खन्ना के घर का एसी ठीक किया

जब अजय से इरफान के जीवन के ऐसे पहलू शेयर करने को कहा गया जिनकी लोगों को कम जानकारी हो इस पर अजय ने बताया की इरफान के पिता का टायर का काम करते थे और इरफान इलेक्ट्रिशियन बनना चाहते थे. इसकी उन्होंने बाकायदा ट्रेनिंग भी ली थी 1991 में इरफान मुंबई पहुंचे तो वो वहां यादा कदा ये काम भी कर दिया करते थे. एक बार उनसे एक फिल्म स्टार के घर जा कर एसी ठीक करवाया गया, बाद में उन्हें बताया गया की ये राजेश खन्ना का घर है.

-जब अजय ने पत्नी को लिखा आय का स्त्रोत

आपने जीवन के रोचक पलों की बातों के दौरान अजय ने लिखा की मेरी पत्नी मेरी जिम्मेदारी है ये एहसास उन्हें कभी नही हुआ. जब वो 6-7 साल के लिए चीन गए तब भी उन्हें नहीं लगा की पत्नी कैसे रहेगी, क्या करेगी आदि आदि. दिल्ली प्रेस क्लब की सदस्यता का जब वो फॉर्म भर रहे थे तब उन्होंने आय के स्त्रोत वाले कॉलम में अपनी पत्नी को सोर्स ऑफ इनकम लिख दिया.

अजय ब्रह्मात्मज से बातचीत शुरू होने से पूर्व प्रभा खेतान फाउंडेशन की राजस्थान और मध्य भारत की मानद संयोजिका अपरा कुछल ने अजय ब्रह्मात्मज का परिचय दिया और धन्यवाद ज्ञापन किया.