जयसिंहपुरा खोर में  गायत्री महायज्ञ के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न

24 कुंडीय यज्ञ में 551 जोड़ों ने अर्पित की आहुतियां      

जयसिंहपुरा खोर में  गायत्री महायज्ञ के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न

Ananya soch: Prana Pratishtha festival concluded with Gayatri Maha Yagya in Jaisinghpura Khor

अनन्य सोच। Prana Pratishtha festival: घुमंतु जाति उत्थान न्यास की ओर से राम लला मंदिर निर्माण की प्रथम वर्षगांठ पर जयसिंहपुरा खोर की चेतना नगरी घुमंतु बस्ती में शुक्रवार को  नवनिर्मित मंदिर में प्रथम पूज्य गणेश जी, मातारानी, हनुमानजी महाराज और लोक देवता बाबा रामदेव की मूर्तियों की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई. सालासर बालाजी मंदिर के पं. विष्णु पुजारी के निर्देशन में पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा की क्रियाएं संपन्न करवाई. इस मौके पर 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गायत्री एवं महामृत्युंजय महामंत्र के साथ विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां प्रदान की. गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के मणिशंकर चौधरी और दिनेश आचार्य ने प्रेरणापद प्रज्ञागीतों के साथ यज्ञ संपन्न कराया. गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ और गायत्री चेतना केन्द्र मुरलीपुरा के कार्यकर्ताओं ने समयदान किया. यज्ञ से पूर्व वेदमाता गायत्री, गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य, वंदनीया माताजी भगवती देवी शर्मा,  गणपति, मां दुर्गा, हनुमानजी सहित अन्य देवी-देवताओं का आह्वान कर सोडशोपचार पूजन किया गया. आचार्य पीठ से गायत्री शक्तिपीठ के मणिशंकर चौधरी ने कहा कि धर्म उनकी रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा करता है. हमारे देश में अनेक समाज ऐसे हैं जिन पर भारी अत्याचार हुए। उन्होंने घृणित समझे जाने वाले कार्य कर लिए मगर अपना धर्म नहीं छोड़ा. उन्होंने मरे जानवर के चमड़े से जूती बनाना, दूसरों का मल-मूत्र सिर पर ढोना स्वीकार कर लिया, धर्म की रक्षा के लिए मातृ भूमि छोडक़र यायावर जीवन जीया मगर अपने आत्म सम्मान को नहीं छोड़ा ऐसा घुमंतू समाज वास्तविक योद्धा है. आज इनके लिए जितना किया जाए उतना कम है. दिनेश आचार्य ने इस धरा के लिए इस गगन के लिए हम जिएंगे मरेंगे वतन के लिए..., हमारा है यह दृढ़ संकल्प नया इंसान बनाएंगे...जैसे प्रज्ञागीतों की प्रस्तुतियां देकर मन के भावों को झंकृत कर दिया. 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति में लोगों ने नशा छोडऩे, पौधे लगाने, स्वच्छता, समरसता का वातावरण बनाने का संकल्प लिया. मानव मात्र एक समान, जाति वंश सब एक समान, नर और नारी एक समान, एक पिता की सब संतान जैसे जयघोष के साथ यज्ञ का समापन हुआ.


 धर्म सभा में किया समरसता का संदेश                                       
घुमंतू जाति उत्थान न्यास के महानगर प्रमुख राकेश शर्मा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद धर्म सभा का आयोजन किया गया. मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रांत प्रचारक बाबूलाल ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में घुमंतू समाज ने बढ़ चढक़र भाग लिया. अब शिक्षा, चिकित्सा सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना हम सबका कर्तव्य है. धर्म सभा की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष तथा ओवरसीज फ्रेंडस ऑफ राम मंदिर अमेरिका के संस्थापक प्रेम भंडारी ने कहा कि धर्म और संस्कृति के प्रति हमारी गहरी निष्ठा और आस्था होनी चाहिए। मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत  ने कहा कि राज्य सरकार घुमंतू समाज को अभियान चलाकर पट्टे दे रही है. आखिरी व्यक्ति को पट्टे मिलने तक यह अभियान जारी रहेगा। अखिल भारतीय घुमंतू कार्य प्रमुख दुर्गादास के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा के सूचना आयुक्त प्रदीप कुमार शेखावत, अमरीका की डिवोचे बैंक के डायरेक्टर पकंज ओझा, सांसद मंजू शर्मा, हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य, निम्स यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. पकंज सिंह, सिद्धी विनायक हॉस्पीटल, चौमूं के निदेशक डॉ एल एन रूंडला धर्म सभा में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इसके बाद पौषबड़ा प्रसादी में करीब तीन हजार लोगों ने पंगत प्रसादी ग्रहण की. 
 कुंभ के लिए रवाना हुए धर्मगुरु:
शुक्रवार  को ही प्रदेशभर के घुमंतू समाज के 35 धर्म गुरु सहित 45 लोगों का जत्था अंबावाड़ी स्थित स्वस्तिक भवन से कुंभ यात्रा के लिए रवाना हुआ. यह जत्था 26 जनवरी को कुंभ में स्नान करेगा। अयोध्या में राम लला के दर्शन कर जत्था 29 जनवरी को जयपुर लौटेगा. घुमंतु समाज के लोगों को इससे पहले अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन करवाए थे. हरिद्वार, ऋषिकेश, मेवाड़ की यात्रा भी करवाई जा चुकी है.