Lal ded natak: एकांकी नाटक 'लल देद का मंचन
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Ananya soch: lal ded natak
अनन्य सोच, जयपुर। lal ded play: अभिनेत्री मीता वशिष्ठ (Actress Mita Vashishtha) ने 14वीं सदीं के कश्मीरी रहस्यवादी-कवि पर आधारित एकांकी नाटक 'लल देद' का राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के मुख्य सभागार में प्रस्तुति दी. इस नाटक की अंग्रेजी पटकथा की संकल्पना और लेखन मीता का है. Mita Vashishtha ने परफार्मेंस से पहले ऑडियंस से नाटक और लल देद की फिलॉसफी के बारे में चर्चा की. साथ ही उनकी जिंदगी और इस नाटक के बनने की अपनी पूरी जर्नी के खस पहलुओं का जिक्र किया.
-कविताओं में दिया वास्तविक मुक्ति का सन्देश
Mita Vashishtha ने अपने सोलो एक्ट में दिखाया कि लल देद की कविता की लय बेहद शानदार और शक्तिशाली होती थी.
उन्होंने छोटे छंदों में अपने विचार रखे, जो कश्मीर के सभी लोगों के जीवन को छू गईं. उनकी कविताओं में धर्म धर्मनिरपेक्ष हो गए. उनके भाषणों ने कट्टरपंथी आवाजों को दबा दिया। वह सबकी थी और सबने उन्हें लल्ला, लल देद, लल्लेश्वरी, लाल मीउज जैसे नामों से पुकारा. उनका उद्देश्य समाज के नियमों, हठधर्मिता और पुरातन धारणाओं को चुनौती देना था, ताकि हम वास्तविक रूप से दुनिया के मोह और आडंबरों से मुक्त हो सकें.