नाटक 'चाँदनी रात का एक दुखान्त' का मंचन
शास्त्रीय नाट्य पर्व-2023
अनन्य सोच, जयपुर। रवीन्द्र मंच मुख्य सभागार में शास्त्रीय नाट्य पर्व - 2023 के समापन दिवस पर नाटक 'चाँदनी रात का एक दुखान्त' खेला गया। रवीन्द्र नाथ टैगोर की कहानियों से प्रेरित नाटक का निर्देशन डॉ. राजीव मिश्रा के द्वारा किया गया। नाटक का कथासार इस प्रकार है कि मुख्य पात्र यतीन गंभीर रोग से पीड़ित है तथा मृत्यु के निकट है। यतीन की पत्नी स्वच्छंद स्वभाव की कम उम्र स्त्री है तथा अल्प आयु में ही यतीन के साथ उसका विवाह हो गया है। मणि को थियेटर का शौक है और वह अपने दोस्तों के साथ हँसती-बोलती है, रिहर्सल करती है, परन्तु यतीन के प्रति उसका लगाव न के बराबर हैं। यतीन के माता-पिता का स्वर्गवास हो चुका है। नौसी ने ही उसका पालन-पोषण किया है। घर में एक नौकर शंभू है तथा पड़ोस में रहने वाली एक स्त्री बिन्दु मणि की सहेली है मौसी, यतीन को अपने पुत्र के समान प्रेम करती है। वह मणि के यतीन के प्रति रूखे व्यवहार से बहुत दुःखी है। यतीन अपने जीवन के अंतिम दिनों में मणि का सानिध्य और प्रेम पाना चाहता है, ऐसे समय में मणि अपने मायके चली जाती है। मौसी, मणि के मायके चले जाने वाली बात किसी तरह यतीन से छुपाना चाहती हैं। वह यतीन के मन को बहलाए रखने का हर संभव प्रयास करती है और मणि को वापस लाने उसके मायके चली जाती है परन्तु पड़ोस की स्त्री बिन्दु मणि के मायके जाने वाली बात यतीन से कह देती हैं यह जानकर कि मणि उसे बीमारी की अवस्था में छोड़कर अपने मायके जा बैठी है, यतीन टूट जाता है। सम्पूर्ण नाटक व्यक्तिगत भावनाओं और सम्बन्धों के अति सूक्ष्म मानवीय पक्षों को व्यक्त करता है। मंच पर नरेश प्रजापति महेश महावर, अंजलि शर्मा, रीचा पालीवाल, ओम प्रकाश सैनी, कमलेश सायर, सृष्टि गांधी, शिखा गोयल और सिद्धि पालीवाल ने अभिनय किया। संगीत संचालन प्रवीण कुमावत, नृत्य संरचना अनीस कुरैशी, वस्त्र सज्जा अंजता देव, मुख सज्जा असलम पठान, मंच सज्जा विपिन शर्मा, मंच पार्श्व में प्रांजल गुर्जर, नवीन यादव, संदीप, नाटक का प्रकाश, लेखन एवं निर्देशन राजीव मिश्रा का रहा।