net theater: नेटथियेट पर सारंगी वादन के सुरीले स्वर

net theater: नेटथियेट पर सारंगी वादन के सुरीले स्वर

अनन्य सोच। नेटथियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रसिद्ध सारंगी वादक दायम अली खान ने जब सारंगी पर अपने स्वर छेडे तो दर्शक स्वर गंगा में नहा उठे. नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि जयपुर के सुरीले सारंगी वादक दायम अली खान ने शास्त्रीय राग हेमंत से अपने कार्यक्रम का शुरूआत की. उन्होंने राग हेमंत में अलाप, मध्य लय और द्रुत लय में एक बंदिश बजाकर दर्शकों को रोमांचित किया. इसके बाद उन्होंने दादरा ताल में एक धुन सुनाकर दर्शकों से दाद पाई. उन्होंने अपने पिता उस्ताद रज्जब अली खान साहब और चाचा उस्ताद लियाकत अली खान साहब से सारंगी की तालिब हासिल की. इनके साथ तबले पर राजस्थान के सुप्रसिद्ध तबला नवाज मेहरूम उस्ताद हिदायत खा के शिष्य तबला वादक फारूख हुसैन ने तीनताल में कायदा,रेलें राव चाला और ताल दादरा में खूबसूरत लगी के साथ संगत करते हुए अपनी उंगलियों का ऐसा जादू बिखेरा कि दर्शक ऐसी सधी हुई संगत से सारंगी की मीठी तान में खो गये. कैमरे पर मनोज स्वामी, प्रकाश सागर गढवाल, संगीत संयोजन तपेश शर्मा, मंच सज्जा पुनम चौधरी, अंकित शर्मा नोनू एवं जिवितेश शर्मा की रही। कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी.