'किनो काओ' में बौनों के दर्द को किया उजागर

जयरंगमः जयपुर थिएटर फेस्टिवल का दूसरा दिन 

अनन्य सोच, जयपुर। 11वें जयरंगमः जयपुर थिएटर फेस्टिवल के दूसरे दिन सोमवार को दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई। वहीं महफिल-ए-जयरंगम में अभिनेता पीयूष मिश्रा, राजशेखर और पुनीत शर्मा के किस्सों व तरानों की महफिल भी जमीं। नाटकों में समाज के कुरूप चेहरे का सच उजागर किया गया। नाटक हम भारत के लोग में समाज के पीड़ित वर्ग की पीड़ा को सामने लाया गया तो वहीं दूसरे नाटक किनो काओ में बौनों के दर्द को उजागर किया गया। 

-महफिल ए जयरंगम

- ‘आरंभ है प्रचंड गाकर’ पीयूष ने श्रोताओं में जोश भरा

मध्यवर्ती में सजी महफिल ए जयरंगम में जब अभिनेता पीयूष मिश्रा, गीतकार राजशेखर और पुनीत मिश्रा ने माइक संभाला तो पारा चढ़ गया। हु इज पुनीत सेशन में पुनीत शर्मा ने अपनी कविताएं पढ़ी। ‘अजब स्वप्न घनश्याम देख, जब चिर निद्रा से जागे, मुरली माखन छोड़ के मोहन छटपट भागे’ इन पंक्तियों के साथ रासलीला कविता में पुनीत ने श्री कृष्ण के सपने का जिक्र किया। अनाम कथा से श्रोताओं ने अपने को जुड़ा हुआ पाया जिसमें प्रेम पर रोशनी डाली गयी। फिल्म तनु वेड्स मनु के गाने लिखने वाले गीतकार राजशेखर लाइव रहे। उन्होंने जयपुर से जुड़ी अपनी यादें ताजा की। नमकीन हवा में प्रवासियों का दर्द जाहिर करने के साथ ही उन्होंने कुइया-मुइया गाने पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। अभिनेता पीयूष मिश्रा का नाम जैसे ही आया तो श्रोता रोमांचित हो उठे। उन्होंने ‘वो काम भला क्या काम हुआ’ कविता पढ़ी। अपना गाना ‘आरंभ है प्रचंड गाकर’ उन्होंने श्रोताओं में जोश भरा। चर्चा के दौरान उन्होंने श्रोताओं के मन की बात भी जानी।