राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म फेस्टिवल शनिवार से

संस्कृत सिनेमा: कल आज और कल 18 और 19 फरवरी को जयपुर के जैम सिनेमा में होगा आयोजन  संस्कृत भाषा की पहली फिल्म आदि शंकराचार्य की 40 साल बाद महा शिवरात्रि के मौके पर होगी स्क्रीनिंग दुनिया की पहली संस्कृत भाषा की साइंस फिल्म ‘यानम’ होगी आकर्षण का केंद्र टॉक शो में संस्कृत सिनेमा के भविष्य पर होगी चर्चा

राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म फेस्टिवल शनिवार से

अनन्य सोच, जयपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में   आयोजित किए जा रहे अखिल भारतीय माघ महोत्सव के तहत जयपुर के जैम सिनेमा में रिफ फिल्म क्लब और एन एफ डी सी के सहयोग से 18 और 19 फरवरी को राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म फैस्टिवल आयोजित किया जाएगा। अकादमी की अध्यक्ष डॉ सरोज कोचर ने बताया कि कला एवं संस्कृति विभाग, जगतगुरु रमानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्व विद्यालय तथा राजस्थान विप्र कल्याण बोर्ड के सहयोग से आयोजित किये जा रहे इस फैस्टिवल के तहत 18 फरवरी को महा शिवरात्रि के मौके पर आदि गुरू शंकराचार्य पर चालीस साल पहले बनी दुनिया की पहली संस्कृत फिल्म और 19 फरवरी को दुनिया की पहली संस्कृत भाषा की साइंस फिल्म ‘यानम’ की स्क्रीनिंग भी की जाएगी। यानम फिल्म मंगल अभियान पर आधारित है।

इसके अलावा 18 फरवरी को फिल्म भगवदज्जुकम की स्क्रीनिंग के साथ ‘संस्कृत सिनेमा अतीत से वर्तमान तक’ विषय पर टॉक शो का आयोजन भी किया जाएगा। 

समारोह का उद्घाटन 18 फरवरी को सुबह 11.00 बजे जैम सिनेमा में  महेश जोशी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री राजस्थान सरकार करेंगे।19 फरवरी को संस्कृत सिनेमा, भविष्य के साथ संवाद विषय पर टॉक शो और संस्कृत फिल्म ‘शकुंतलम्’ की स्क्रीनिंग भी की जाएगी।

-पहले दिन 18 फरवरी के आयोजन

टॉक शो में होगी संस्कृत सिनेमा की बातें
 
फेस्टिवल के तहत पहले दिन शनिवार 18 फरवरी को  जैम सिनेमा में सुबह 11 बजे  “संस्कृत सिनेमा : अतीत से वर्तमान तक” विषय पर टॉक शो का आयोजन होगा. इसमें विश्वगुरु दीप आश्रम शोध संस्थान के स्वामी ज्ञानेश्वरपुरीजी, इंस्टीटूटो सर्वेंट्स के डायरेक्टर ऑस्कर पूजोल, यदु विजयकृष्णन, फिल्म अभिनेता चार्ल्स थॉमसन और युवराज भट्टराय  संस्कृत भाषा में बनी अब तक की फिल्मों पर चर्चा करेंगे.

-आदि शंकराचार्य है संस्कृत भाषा की पहली फिल्म
 
फेस्टिवल में पहले दिन दोपहर 12.30 बजे संस्कृत भाषा की पहली फिल्म आदि शंकराचार्य की स्क्रीनिंग होगी. संस्कृत भाषा में पहली फिल्म साल 1983 में बनी थी. 8वी सदी के दार्शनिक आदि शंकराचार्य पर आधारित ये फिल्म उनके जीवन और विचारों को लोगों तक पहुंचाने का काम करती है. कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री द्वारा बनायी गयी इस फिल्म का निर्देशन जी.वी. अय्यर ने किया है और बंगाली एक्टर सर्वदमन डी. बनर्जी ने फिल्म में आदि शंकराचार्य का मुख्य किरदार निभाया है। 31वें नेशनल फिल्म अवार्ड्स में इस फिल्म को चार अवार्ड्स, बेस्ट फिल्म, बेस्ट स्क्रीनप्ले, बेस्ट सिनेमाटोग्राफी, बेस्ट ऑडियोग्राफी से सम्मानित किया गया था।

-7वीं शताब्दी के एक व्यंग्य नाटक पर आधारित है ‘भगवदज्जुकम्’

फिल्म फेस्टिवल में पहले दिन दूसरी फिल्म भगवदज्जुकम् का शो शाम 3.30 बजे शुरू होगा। ये फिल्म 7वी सदी के एक नाटक पर आधारित है। यदु विजयकृष्णन द्वारा साल 2021 में बनी ये फिल्म एक बौध साधु और उनके शिष्य शांडिल्य की कहानी है। इस फिल्म को बेस्ट संस्कृत फिल्म के लिए केरल फिल्म क्रिटिक्स अवार्ड मिला है। इसके अलावा ये फिल्म इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया, राजस्थान इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल, बैंगलोर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, न्यू यॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल और त्रिस्सूर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए ऑफिशियली सेलेक्ट हुई है। फिल्म के निर्देशक यदु विजयकृष्णन के अनुसार संस्कृत फिल्मों के बारे में हमेशा माना जाता है कि वह बहुत अधिक गंभीर होती है। भगवदाज्जुकम इस धारणा को बदलने का मेरा विनम्र प्रयास है। मेरा उद्देश्य संस्कृत भाषा में एक हल्की-फुल्की फिल्म बनाना था, जिसका दर्शक बैठकर आनंद ले सकें।

-दूसरे दिन 19 फरवरी के आयोजन

टॉक शो में होगी संस्कृत सिनेमा  के भविष्य की चर्चा
राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म फेस्टिवल के तहत दूसरे दिन रविवार 19 फरवरी को जैम सिनेमा में सुबह 11 बजे “संस्कृत सिनेमा : भविष्य के साथ संवाद” विषय पर टॉक शो का आयोजन होगा। इसमें फिल्म निर्देशक दुश्यंत श्रीधर,  यदु विजयकृष्णन, फिल्म समीक्षक चार्ल्स थॉमसन , अभिनेता शुभम सहरावत, फिल्म अभिनेत्री ज्वाला एस परमेस्वर और युवराज भट्टराय चर्चा करेंगे।

-संस्कृत भाषा की साइंस फिल्म है ‘यानम’

फेस्टिवल में दूसरे दिन दोपहर 12.30 बजे संस्कृत भाषा की इसरो के वैज्ञानिकों पर आधारित फिल्म "यानम" की स्क्रीनिंग होगी। विनोद मंकर के निर्देशन में बनी फिल्म की कहानी 'मंगलयान' मिशन के नाम से विख्यात भारत के ऐतिहासिक 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' की सफलता के इर्द-गिर्द घूमती है। गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2013 में मंगलयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था। 'यानम' राधाकृष्णन की पुस्तक 'माई ओडिसी: मेमोयर्स ऑफ द मैन बिहाइंड द मंगलयान मिशन' पर आधारित है। इस फिल्म का निर्माण राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार विनोद मंकर ने किया है।  फिल्म का निर्माण इसरो के पूर्ण सहयोग से किया गया है। उन्होंने बताया कि 45 मिनट के इस वृत्तचित्र का निर्माण संस्कृत में किया गया है। 

-'शाकुन्तलम': एक गौरवशाली इतिहास की गाथा
 
राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म फेस्टिवल में दूसरे दिन शाम 3.30 बजे संस्कृत भाषा में बनी फिल्म शाकुंतलम दिखाई जाएगी. दुष्यंत श्रीधर द्वारा बनाई गई ये फिल्म कवि कालीदास की रचना अभिन्जना शाकुंतलम पर आधारित है। इस फिल्म में पायल शेट्टी ने मुख्य किरदार निभाया है। फिल्म के निर्देशक दुष्यंत श्रीधर ने राजा दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कहानी को बड़ी खूबसूरती से परदे पर उतारा है। कई प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में सम्मानित हो चुकी इस फिल्म में पायल शेट्टी और शुभम सहरावत प्रमुख भूमिकाओं में हैं। सुब्रमण्यम भारती के प्रपौत्र राजकुमार भारती ने फिल्म का संगीत तैयार किया है और साईं श्रवणम, जो अकादमी पुरस्कार विजेता लाइफ़ ऑफ़ पाई के साउंड रिकॉर्डिस्ट थे, फ़िल्म के संगीत निर्माता हैं। ऑडियोग्राफी दो बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ए.एस.लक्ष्मीनारायण की है। संपादन पांच बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बी.लेनिन द्वारा किया गया है।