हवेली संगीत ने मोहा मन, कृष्णमय हुए कला अनुरागी

अविनाश पाराशर। कलावृन्द द्वारा गोकुलोत्सव में हवेली संगीत का आयोजन 

हवेली संगीत ने मोहा मन, कृष्णमय हुए कला अनुरागी

Ananya soch

अनन्य सोच। 'फिजा में घुलता श्याम रंग, फूलों की बौछार, ब्रज भाषा के मधुर गीत, राधा नाम की रसधार', कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला पारीक कॉलेज  स्थित श्रीनाथ मन्दिर में. जन्माष्टमी अवसर को ध्यान में रखते हुए कलावृन्द की ओर से गोकुलोत्सव का आयोजन किया गया. इसमें शिवनंदन सिंह, छवि जोशी, प्रमोद पारीक, दीपतांशु पारीक व समूह ने हवेली संगीत की प्रस्तुति दी. 

मंच पर पहुंचे कलाकारों ने श्री कृष्ण और राधा रानी की मनमोहक छवि को मंच पर साकार किया. 'गणपति आराधना, वृंदावन प्यारो वृंदावन, श्री कृष्ण की वंदना के साथ प्रस्तुति की शुरूआत हुई. इसके बाद कलाकारों ने किशोरी जी की वंदना कृष्ण पद पर मनमोहक गायन को बाल कलाकार पूर्विता व आद्विक की प्रस्तुति के साथ ब्रज यात्रा के सौंदर्य को साकार किया गया. समारोह में मौजूद दर्शकगण कृष्ण रंग में रंगे दिखायी दिए। इसी बीच नेहा जैन, अनुपमा शर्मा, पूजा पारीक व शालिनी पारीक के सामूहिक नृत्य प्रस्तुति ने सभी को रोमांचित कर दिया. 

प्रीतम हमारो प्राण, साँवरिया थारा घूँघर गीत गायन कर कलाकारों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. हवेली प्रांगण में श्री कृष्ण की मनमोहक छवि ने दर्शकों का मन मोह लिया. जियो श्याम लाला, जुग जुग जीयो रे, नाचे नन्दलाल से जब समां बंधा तो सभी झूम उठे. 
संपूर्ण कार्यक्रम में संगतकलाकारों में राघव शर्मा ने तबला वादन, कमल राणा ने ढोलक, रमेश बुनकर ने झाँझ- मंजीरा, अनमोल पारीक ने बांसुरी व पीयूष कुमार ने सिंथेसाइज़र पर दमदार संगत की।