Junior Summer Camp: आसिमा चौधरी ने कहा; 'कला टूटे हुए मन को भी उमंग से भर सकती है'

Junior Summer Camp: आसिमा चौधरी ने कहा; 'कला टूटे हुए मन को भी उमंग से भर सकती है'

Ananya soch: Junior Summer Camp

अनन्य सोच,जयपुर। Junior Summer Camp: 'कला टूटे हुए मन को भी उमंग से भर सकती है', यह कहना है कि आसिमा चौधरी का. वे जवाहर कला केन्द्र में जारी जूनियर समर कैम्प में बच्चों को मोजेकर आर्ट का प्रशिक्षण दे रही हैं. मुकुलिका गुप्ता सहयोगी की भूमिका निभा रही हैं.

मोजेक में इसमें प्राय: पत्थर, काँच, सीपी या टाइल के टुकड़ों को जोड़कर कलाकृति बनायी जाती है. मोजेक की शुरुआत मेसोपोटामिया से मानी जाती है. एक्सपर्ट्स ने बताया कि यह कला बच्चों की तार्किक क्षमता को बढ़ाती है. इससे बेहतर संयोजन सीखने को मिलता है क्योंकि आपको सही टुकड़े को उसकी जगह सेट करना होता है.

कैम्प में बच्चों को गिटार का प्रशिक्षण दे रहे गौरव भट्ट ने गिटार के तकनीकी पक्षों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चार तरह के गिटार है. इनमें 4 स्ट्रिंग, 6 स्ट्रिंग, 12 स्ट्रिंग और इलेक्ट्रानिक गिटार शामिल है. बच्चों को बेसिक से सिखाने की शुरुआत की गयी. जिसमें उन्हें गिटार से इंट्रोड्यूज करने के बाद उसके पार्ट्स, गिटार होल्डिंग और मेजर माइनर स्कैल के बारे में बताया गया.

प्रदीप चतुर्वेदी और रघुवंशमणी चतुर्वेदी 15 से अधिक बच्चों को पियानो का प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों को फिंगर टेक्निक, स्कैल, कार्ड्स एवम हार्मनी के बारे में बताया गया है. कैम्प के अंत तक बच्चे रायम्स, सॉन्ग्स ,सिम्फनी प्ले करना सीख जाए यह प्रयास है. पियानों में 10 अंगुलियों को साथ काम में लेकर आपको धुन प्ले करनी है. इसके लिए ब्रेन के पर्टिकुलर सेक्शन के न्यूरॉन एक्टिव करने होगा. इसलिए फिंगर टेक्निक सीखनी होती है जो न्यूरो एरोबिक्स (एक्सरसाइज) से परफेक्ट होती है.