Echoes of Tradition art exhibition: मनुष्य मनोभाव और कृष्ण लीलाओं से प्रेरित रही 'एकोज़ ऑफ़ ट्रेडिशन' आर्ट एग्जीबिशन
Echoes of Tradition art exhibition: रांची, कोलकाता, पुणे और नेपाल से आए आर्टिस्ट की 30 कलाकृतियां हुई प्रदर्शित - आईसीए आर्ट गैलरी में 30 जून तक आयोजित होगी एग्जीबिशन 'एकोज़ ऑफ़ ट्रेडिशन'

Ananya soch: Echoes of Tradition art exhibition
अनन्य सोच। Echoes of Tradition art exhibition
कृष्ण और गोपियों के साथ अठखेलियां और कालिया दमन जैसे दृश्यों को कैनवास पर जीवित किया, मौका था आर्ट एग्जीबिशन 'एकोज़ ऑफ़ ट्रेडिशन' के आरम्भ का। शनिवार से आमेर रोड स्थित आईसीए आर्ट गैलरी में आयोजित इस कला प्रदर्शनी का मुख्य अतिथि आईएएस पी.सी किशन, ठाकुर दुष्यंत सिंह नायला, हेमेंद्र सिंह वेदसा, समाज सेवक सुधीर माथुर और आईसीए आर्ट गैलरी से अभिनव बंसल ने दीप प्रज्ज्वलन कर उद्धघाटन किया. साथ ही एग्जीबिशन के क्यूरेटर हेम राणा और जसबीर कौर भी उपस्थित रहे। प्रदर्शनी में पुणे से आर्टिस्ट मनोज दारेकर, रमेश गुर्जर और विवेक निम्बोलकर, रांची से सी.आर हेमब्रम, नेपाल से एस.सी सुमन और कोलकाता से किशोर रॉय ने अपनी 30 कलाकृतियों को शोकेस किया.
झारखण्ड की संथल ट्राइब की परेशानियों को उकेरा -
रांची के जाने-माने आर्टिस्ट सीआर हेमब्रम ने झारखंड में रहने वाले संथल समुदाय की दुःख और परेशानियों को अपनी कला में दिखाया. जहां उन्होंने उस जनजाति में होने वाले मानव पीड़ा, मानव तस्करी, महिला शोषण जैसे गंभीर विषयों को कंटेम्प्ररी आर्टफॉर्म पर मिक्स मीडियम द्वारा कैनवास पर प्रदर्शित किया. पुणे से आर्टिस्ट मनोज दारेकर ने अपने 4 आर्टवर्क्स में रोजगार और कैरियर के लिए शहर-शहर घूमने वाले प्रवासियों के मनोभाव को दर्शाया. जिसमें ग्रामीण से शहरी बदलावों, परिदृश्यों और संस्कारों के बदलाव को एब्स्ट्रैक्ट आर्टफॉर्म के माध्यम से दिखाया। आर्टिस्ट विवेक निम्बोलकर ने प्रकृति से प्रेरित होते हुए अपनी कला में कुदरती रंगों का इस्तेमाल किया है जिसमें टेक्सचर पेटिंग खास रही.
कृष्ण की बाल लीलाओं से मधुर हुआ माहौल -
आर्टिस्ट रमेश गुर्जर ने अपनी तालबद्ध स्टाइल और फिगरेटिव आर्टवर्क के साथ कृष्ण के बाल रूप को दिखाया. साथ ही आर्टिस्ट किशोर रॉय ने ट्रेडिशनल आर्टफॉर्म से कृष्णा सीरीज को दर्शाया जिसमें रास लीला, कालिया दमन और कृष्ण गौ प्रेम को कैनवास पर उकेरा। साथ ही एस.सी सुमन ने अपनी पेंटिंग्स के जरिए कृष्ण जन्म और गोपी कृष्ण की अठखेलियों को कैनवास पर सजीव किया. इस एग्जीबिशन का समापन 30 जून को किया जाएगा.