कलाकारों के नृत्य एवं गायन से दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
अनन्य सोच। रवींद्र मंच के 60 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हीरक जयंती उत्सव के अंतर्गत पांच दिवसीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत दूसरे दिन दक्षिण भारत बेंगलुरु की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना एवं गायिका स्वाति चंद्रशेखर एवं उनकी टीम द्वारा गायन एवं नृत्य की प्रस्तुति दी गई.
पंडित बिरजू महाराज की शिष्या स्वाति चंद्रशेखर एवं उनके सहयोगी कलाकार नेहा भगत एवं अक्षिता स्याल द्वारा लखनऊ घराने पर आधारित कथक नृत्य की प्रस्तुति दी गई.
नृत्य में इनकी रचना श्री कृष्ण भजन के तुंग तुंग…........., गणपति जग वंदन........, तराना तिल पर......., तथा वंदे मातरम पर आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इनका नृत्य देखकर दर्शकों वाह-वाह करने लगे. स्वाति चंद्रशेखर एवं उनकी टीम द्वारा शास्त्रीय संगीत की भी प्रस्तुति दी गई. इनके द्वारा राग गंभीर नाटे पर आधारित "अम्मदा आनंद दायिनी............ तथा राग नाट/जोग पर महा गणपतिम.......... व राग रेवती पर भो शम्भो...... एवं भजन "वैष्णव जनतो....... तथा ये मेरे वतन के लोगों......... गीत गया तो दर्शक अपनी सीट से खड़े होकर साथ-साथ गाना गाने लगे. स्वाति चंद्रशेखर के साथ संगत कारों में वायलिन पर राजीव अग्रवाल, तबले पर मुजफ्फर रहमान, बांसुरी पर आर.डी. गॉड व पखावज पर प्रवीण आर्य ने संगत की. कार्यक्रम की उद्घोषणा प्रणय भारद्वाज द्वारा की गई.
मंच के मैनेजर प्रियव्रत सिंह चारण ने बताया कि मंच के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में मनाई जा रही हीरक जयंती के दूसरे दिन उक्त कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.हीरक जयंती में तीसरे दिन असगर वजाहत द्वारा लिखित एवं अभिषेक गोस्वामी द्वारा निर्देशित नाटक "जिन लाहौर नी वेख्या वो जन्माई ही नहीं" का मंचन मंच के मुख्य सभागार में 6:30 बजे किया जाएगा.