Rajasthan forum: कला ही कला को प्रभावित करती हैं- आर. बी. गौतम

डेज़र्ट सोल सीरीज़ में रूबरू हुए जाने-माने चित्रकार और कला गुरू आर.बी. गौतम Desert Soul series: देश के आधुनिक कला परिदृश्य में राजस्थान के वरिष्ठ चित्रकार और कला गुरू आर.बी. गौतम का नाम आदर के साथ लिया जाता है. इन्हीं आर.बी. गौतम की लगभग छह दशक की कला यात्रा से रूबरू करवाने के लिए सोमवार को राजस्थान फोरम की ओर से ’डेज़र्ट सोल’ टॉक शो का आयोजन किया गया. होटल आई.टी.सी राजपूताना में आयोजित इस शो में प्रदेश के जाने-माने चित्रकार और राजस्थान फोरम के सदस्य डॉ. विद्या सागर उपाध्याय ने विभिन्न रोचक और ज्ञानवर्धक सवालों के जरिए आर.बी. गौतम के कलात्मक सफर को जीवंत किया.

Rajasthan forum: कला ही कला को प्रभावित करती हैं- आर. बी. गौतम

Ananya soch: Rajasthan forum

अनन्य सोच, जयपुर। Rajasthan forum: कला गुरू आर.बी. गौतम राजस्थान फोरम की ओर से ’डेज़र्ट सोल’ टॉक शो में शामिल हुए. विद्या सागर उपाध्याय के पूछे सवालों के जवाब में अपनी कला के सफर को साझा करते हुए आर.बी.गौतम ने बताया कि कला का यह सफर बीकानेर से शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि बीकानेर में ही प्रेमचंद गोस्वामी और रंजन गोस्वामी के साथ आसाराम जी के सानिध्य में कला की यात्रा शुरू की. मुंबई के जेजे स्कूल आफ आर्ट्स में जाने के लिए भी उन्होंने ही प्रेरित किया. परिस्थितियों काफी विपरीत रही मुंबई में खर्च उठाना बहुत मुश्किल रहा तो बीकानेर के ही एक सेठ की  फैक्ट्री में पार्ट टाइम काम शुरू किया. 

उन्होंने कहा मुंबई में और भी कई गुरुओं से सीखने का अवसर प्राप्त हुआ. जग्गू पिटवा, एम.आर आचरेकर और हुसैन जी से बहुत कुछ सीखा. धर्मयुग के कवर पेज के लिए भी मेरे चित्रों का प्रकाशन हुआ. 
समाजवाणी पत्रिका के लिए भी काम किया जिसमें मेरा पहला आर्टिकल प्रकाशित हुआ. उन्होंने बताया कि जब 1961 में जयपुर आया तो देखा यहां कला में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ. विद्यासागर उपाध्याय, समर सिंह ,मोहन शर्मा और प्रेमचंद के साथ मिलकर एक संगठन बनाया. कला  के  प्रोत्साहन के लिए  कई सामूहिक प्रदर्शनिया की. उस समय सिर्फ अल्बर्ट हॉल के आगे का हिस्सा ही था जहां प्रदर्शनी हुआ करती थी. तभी हमने सूचना केंद्र स्थल बनाया और वहां पर मेरी पहली प्रदर्शनी हुई. गांव-गांव जाकर कला का प्रचार किया और लोककला को सामने लाए. उन्होंने कहा  कि कला ही कला को प्रभावित करती हैं. 
कला के हर माध्यम में अपनी कला को जारी रखने वाले आर.बी.गौतम ने
समसामयिक विषयों के साथ-साथ हॉरर सीरीज पर भी काम किया. लेखन में भी दिलचस्पी रखने वाले आर.बी.गौतम ने युवा पीढ़ी से कला का परिचय करवाने के लिए "कला का मनोविज्ञान" एक पुस्तक भी लिखी. संवेदनाओं को कैनवास पर उतरने वाले इस कलाकार का कहना है कि कला आपको वृद्धावस्था में तकलीफ से उभार देती हैं. कार्यक्रम के अंत में  पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट ने  आर.बी.गौतम को  स्मृति चिन्ह भेट किया.

इससे पूर्व राजस्थान फोरम की एग्जीक्यूटिव सैक्रेटरी अपरा कुच्छल ने कार्यक्रम में आए अतिथियों और कलाकारों का अभिनंदन किया. टॉक शो में मौजूद फोरम के सभापति पद्मभूषण पं. विश्व मोहन भट्ट ने आर.बी. गौतम एवम् डॉ. विद्या सागर उपाध्याय को स्मृति चिन्ह भेंट कर फोरम की ओर से उनका अभिनंदन किया. इस मौके पर राजस्थान फोरम के सदस्य पद्मश्री रामकिशोर छीपा, पद्मश्री तिलक गिताई, नंद भारद्वाज, अंकित पटेल और संजय कौशिक सहित शहर के चुनिंदा संस्कृति प्रेमी भी मौजूद थे.