'Vande Mataram': राग शंकरा, यमन और हंसध्वनि के स्वरों से सजी ‘वंदे मातरम’ रचना
Program “Hum Geet Watan Ke Gaayenge”: शहर में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से आयोजित होता आ रहा देशभक्ति गीतों का कार्यक्रम ‘हम गीत वतन के गाएंगे’ कोरोना के कारण आए अंतराल के बाद एक बार फिर बुधवार को jawahar kala kendra में आयोजित किया गया. कार्यक्रम संयोजक प्रोमिला राजीव ने बताया कि ये इसकी बीसवीं वार्षिक कड़ी थी. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण संगीत गुरू राजीव भट्ट के संगीत निर्देशन में उनके द्वारा तैयार की गई विशेष रचना ‘वंदे मातरम सुजलाम सुफलाम’ की प्रस्तुति रही.
Ananya soch: Program Hum Geet Watan Ke Gaayenge
अनन्य सोच, जयपुर। jawahar kala kendra में हुए Program “Hum Geet Watan Ke Gaayenge” में राजीव भट्ट ने इस रचना की पारंपरिक स्वर रचना को बदलते हुए राग शंकरा, यमन और हंसध्वनि के स्वरों में ढालकर इसे नया रूप दिया जिसे वहां बड़ी संख्या में मौजूद संगीत प्रेमियों ने सराहा. ग्रेमी अवार्ड विनर पद्मभूषण पं. विश्व मोहन भट्ट और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता गिरधारी सिंह बापना समारोह के मुख्य अतिथि थे जबकि तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट ने बतौर विशेष अतिथि इसमें शिरकत की. कार्यक्रम में वंदेमातरम की विशेष प्रस्तुति के बाद गौरव भट्ट, शिखा भट्ट और देवव्रत भट्ट सहित शहर के 60 युवा और वरिष्ठ कलाकारों ने एक दर्जन से भी अधिक देशभक्ति गीतों की एकल और सामूहिक प्रस्तुति देकर वहां मौजूद लोगों को ताल से ताल मिलाकर गुनगुनाने और झूमने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम का संगीत संयोजन अवनीश गोस्वामी, संजय माथुर, महेन्द्र शर्मा मंटू, पियूष कुमार व आरिफ ने विभिन्न वाद्यों पर संगत करते हुए किया.