संजीव सोल ऑफ आर्ट में डॉ. रेणु के लेख का प्रकाशन

संजीव सोल ऑफ आर्ट में डॉ. रेणु के लेख का प्रकाशन

Ananya soch

अनन्य सोच। राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के प्रशाल में विद्वानों की उपस्थिति में भारतीय पुरातत्व संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. बी. एम. पाण्डेय, डॉ० कैलाश नाथ दीक्षित, महासचिव इण्डियन आर्किलोजिकल सोसायटी सह संयुक्त निदेशक (सेवा निवृत्त), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, पद्म डॉ. रवीन्द्र सिंह विष्ट, संयुक्त निदेशक (सेवा निवृत्त) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, डॉ० बुद्ध रश्मि मणि महानिदेशक राष्ट्रीय संग्रहालय एवं कुलपति भारतीय विरासत सस्थान, डॉ. अमरेन्द्र नाथ, निदेशक (सेवा निवृत्त) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, प्रो. विजय लक्ष्मी सिंह, इतिहास विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, एवं डॉ. राम नवल सिंह अध्यक्ष ग्लोबल रेस्क्यू फाउण्डेशन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रोग्रेसिव आर्ट गैलरी ने "सजीव सोल ऑफ आर्ट, एस्सेज ऑन इण्डियन आर्ट" पुस्तक को लोकार्पित किया. जिसका सम्पादन डॉ. विनय कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. बृजेश रावत, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. जगपाल सिंह एवं डॉ. तबीश हाशमी ने किया है. डॉ. सजीव सिंह वर्तमान में 'अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय, अयोध्या, उत्तर प्रदेश के निदेशक एवं राम मंदिर के तकनीकी सहायता है. 

    यह सौभाग्य की बात है कि भारत के लब्धप्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा "संजीव शोल आफ़ आर्ट्स" पुस्तक का विमोचन किया गया. इस पुस्तक में भारतवर्ष के शीर्षतः विद्वानों ने अपने आलेख प्रस्तुत किये है. ये सभी लेख भारतीय कला के विभिन्न आयामों को उद्घाटित एवं उनकी विशेषता को प्रकट करते हैं। जिसमे जयपुर की डॉक्टर रेणु शाही के लेख 'जयनगर' (जयपुर ) को भारत की धरोहर के रूप मे देखते हुए  "जयनगर, ए हेरिटेज सिटी  ऑफ इन्डिया" (Jaynagar, A heritage city of India) शीर्षक नाम से प्रकाशित किया गया है. इस लेख में जयपुर शहर के कलात्मक एवं पुरातन स्मारकों के साथ ही ऐतिहासिक व भौगोलिक पृष्ठभूमि पर भी विस्तार से चर्चा की गई है. विशेषकर इस लेख में तीन सौ साल पुराने 'भगवान कल्कि महाराज' के मंदिर के ऊपर एक शोध लेखन दिखने को मिलता है . 630 पृष्ठों की पुस्तक में 68 लेख प्रकाशित किये गये है. जिसमें से डॉ. रेणु शाही के लेख को स्थान देना एक अत्यंत हर्ष की बात है. पुस्तक के माध्यम से पाठकों को एक स्थान पर ही जयपुर के सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी मिल पाएगी. शहर के वर्तमान स्वरूप के साथ-साथ इसके रहस्मय पक्ष पर भी चर्चा  है. डॉ. रेणु एक मूलत: गोरखपुर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली है . तथा वाराणसी से अपनी कला शिक्षा पूर्ण किया है. वे कला अध्यापन के साथ ही एक चित्रकार तथा कला लेखक के रुप में जयपुर में रहते हुए कार्य कर रही हैं . इनके बहुत से  कला समीक्षाएं एवं शोध-पत्र अनेकों पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है. जो कला विद्यार्थीयों के साथ-साथ कला रसीको के लिए भी उपयोगी है.