उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रंगरीत कला महोत्सव में देखा पारम्परिक चित्रकला का लालित्य
2 मई से जेकेके में जारी महोत्सव का समापन* वैदिक चित्रकार रामू रामदेव के संयोजन में प्राकृतिक रंगों से सजा कलात्मक संसार

Ananya soch: Deputy Chief Minister Diya Kumari saw the beauty of traditional painting at Rangrit Art Festival
अनन्य सोच। जवाहर कला केंद्र की ओर से रंगरीत संस्थान के सहयोग से आयोजित रंगरीत कला महोत्सव का रविवार को समापन हुआ। वैदिक चित्रकार रामू रामदेव के संयोजन में हुए महोत्सव में पारम्परिक चित्रकला का लालित्य देखने को मिला। प्रदेश की माननीय उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जी रविवार को प्रदर्शनी में शरीक हुयी। उन्होंने पेंटिंग्स के रूप में प्राकृतिक रंगों से साकार हुयी कृतियों को सराहा और कलाकारों की हौसला अफजाई की। इस दौरान केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) श्रीमती अलका मीणा, वरिष्ठ लेखाधिकारी श्रीमती बिंदु भोभरिया अन्य प्रशासनिक अधिकारी व बड़ी संख्या में कलाकार व कला प्रेमी मौजूद रहे।
एडीजी अलका मीणा और रामू रामदेव ने पुष्प गुच्छ देकर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जी का स्वागत किया। अलंकार दीर्घा में प्रवेश करते ही दिया कुमारी जी ने माँ सरस्वती के चरणों में नमन कर दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने रंगों से कैनवास पर चित्र भी बनाया। उन्होंने चित्रकार समदर सिंह खंगारोत, गोविन्द रामदेव,रामू रामदेव, बीकानेर के महावीर स्वामी, जयपुर के सुधीर वर्मा, उदयपुर के शैल चोयल, अजमेर के राम जायसवाल, दिल्ली की सुमित्रा अहलावत, उदयपुर के मनदीप शर्मा तथा जयपुर के विक्रम सिंह राठौड़ व अन्य कलाकारों की पेंटिंग्स का अवलोकन किया और प्राकृतिक रंगों की भी जानकारी ली।
एडीजी अलका मीणा ने दुपट्टा ओढ़ाकर और जेकेके का प्रकाशन भेंट कर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जी का सम्मान किया। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जी ने कहा कि जवाहर कला केंद्र के प्रयास से रंगरीत महोत्सव का सफल आयोजन हुआ। इसके लिए जवाहर कला केंद्र, रंगरीत संस्थान और संयोजक रामू रामदेव धन्यवाद के पात्र है। महोत्सव में युवाओं ने कला गुरुओं से पारम्परिक कलाओं के गुर सीखे। राजस्थान में जेकेके जैसा केंद्र बहुत जरूरी है जहाँ कलाकारओं को मंच मिल सके। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी किये जाएंगे जिससे हमारी पारम्परिक कलाओं को संरक्षण मिल सके और नयी पीढ़ी तक ये कलाएं पहुँच सके। उन्होंने यह भी कहा कि जेकेके को ऐसे केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा जहाँ क्षेत्रीय कलाकारों के साथ-साथ देशभर के कलाकार, दस्तकार अपनी पारम्परिक कलाओं को सीख सके और उनका प्रदर्शन यहाँ कर सके।
एडीजी अलका मीणा ने कहा कि 2 मई से 18 मई तक रंगरीत महोत्सव का आयोजन किया गया। पारम्परिक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जी के विज़न के साथ ये सफल आयोजन हुआ। यहाँ वरिष्ठ कला गुरुओं के निर्देशन में युवाओं ने पारम्परिक चित्रकला को जाना। पेंटिंग्स के साथ-साथ संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों ने आयोजन को ख़ास बनाया। केंद्र इसी तरह कला और कलाकारों के लिए प्रयासरत रहेगा।