Jagjit Singh: राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सजी जगजीत सिंह की ग़ज़लों की संध्या
Jagjit Singh: होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है संजीव जैन, डॉ. देवेन्द्र सिंह हिरन, डॉ. जितेन्द्र सिंह मक्कड़, किशोर सरावगी, निकिता बंसल, सोनिया बिरला और डॉ. वर्षा तनु ने दी जगजीत की एकल और युगल ग़ज़लों की प्रस्तुति
Ananya soch: Jagjit Singh
जयपुर। Jagjit Singh: राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (Rajasthan International Center) का मैन ऑडिटोरियम मंगलवार की शाम ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह (Jagjit Singh) की यादों से मखमली हो रहा था.
शहर के कई नामी गायक इस मौके पर उनकी एक से बढ़कर एक दिलकश ग़ज़लों को सलीके से गाकर आवाज़ और अनुभूतियों के इस बेताज़ बादशाह को स्वरांजलि दे रहे थे. मौका जगजीत सिंह (Jagjit Singh) की बारहवीं पुण्य तिथि पर मंगलवार को यहां आयोजित ‘ट्रिब्यूट टू जगजीत सिंह’ (Tribute to Jagjit Singh) ग़ज़ल संध्या के आयोजन का.
सृजन दी स्पार्क संस्था के बैनर पर आयोजित हुई इस गजल संध्या में जगजीत सिंह की गाई एकल और उनकी हमसफर चित्रा सिंह के साथ गाई युगल ग़ज़लों को प्रदेश के कई जाने माने गायकों संजीव जैन, डॉ. देवेन्द्र सिंह हिरन, डॉ. जितेन्द्र सिंह मक्कड़, किशोर सरावगी, निकिता बंसल, सोनिया बिरला और डॉ. वर्षा तनु ने अपनी आवाज़ से जीवंत किया। इस ग़ज़ल संध्या का म्यूज़िक अरेंजमेंट टीम संजय माथुर और रवि टिलवानी ने किया.
-ऐसे चला जगजीत सिंह की दिलकश ग़ज़लों का कारवां
ग़ज़ल संध्या की शुरूआत संजीव जैन ने कैफी आज़मी की लिखी और जगजीत सिंह की स्वरबद्ध की गई चर्चित ग़़ज़ल ‘झुकी झुकी सी नज़र बेकरार है के नहीं’ से की, इसके बाद किशोर सरावगी ने निदा फ़ाज़ली की ग़ज़ल ‘होश वालों को ख़बर क्या बेखु़दी क्या चीज़ है’ और इबने इंशा की लिखी ग़ज़ल ‘की चौदहवीं की रात थी’ पेश कर माहौल को रूमानी कर दिया.
जगजीत सिंह के कृतित्व और व्यक्त्वि पर पीएचडी करने वाले उदयपुर के डॉ. देवेन्द्र सिंह हिरन मंच पर आए और उन्होंने जैसे ही शाहिद कबीर के लिखे कलाम ‘मैं नशे में हूं’ सुनाया तो वहां उपस्थिति हर श्रोता इस ग़ज़ल के भावों के सुरूर में झूूमता नज़र आया.
देवेन्द्र सिंह ने इस मौके पर अमीर मिनाई का कलाम ‘सरकती जाय है रूख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता’ को रूमानी अंदाज़ में पेश कर संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया.
प्रदेश में दिल के इलाज के लिए मशहूर डॉ. जितेन्द्र सिंह मक्कड़ ने अपने पेशे से जुड़े भावों सराबोर शायर ज़मीर काज़मी के लिखे गीत ‘बड़ी नाजु़क है ये मंज़िल, मोहब्बत का सफर है धड़क आहिस्ता से ऐ दिल’ को उसी मखमली अंदाज़ में सुनाकर श्रोताओं को खूब वाहवाही लूटी.
-इन युगल ग़ज़लों ने याद ताज़ा की जगजीत-चित्रा की
समारोह में कलाकारों ने कई दिलकश युगल ग़ज़लें सुनाकर जगजीत सिंह के समान ही उनकी हमनवा चित्रा सिंह की याद भी ताज़ा कर दी. निकिता बंसल और संजीव जैन ने सुदर्शन फ़ाकिर की ग़ज़ल ‘ये दौलत भी ले लो ये शौहरत भी ले लो’, किशोर सरावगी और डॉ. वर्षा तनु ने शाहिद कबीर के कलाम ‘ग़म का ख़ज़ाना’ तथा किशोर सरावगी और सोनिया बिड़ला ने कतील शिफाई का कलाम ‘किया है प्यार जैसे’ को रूमानी अंदाज़ में पेश कर इस ग़ज़ल संध्या को उसके सफलतम मुकाम पर पहुंचाकर र श्रोताओं का दिल जीत लिया.
कार्यक्रम का अर्थपूर्ण संचालन प्रदक्षिणा ने किया।