bollywood actor rakesh bedi: ये भ्रम है कि थिएटर ज्यादा समय मांगता है, आप एक प्ले 15 से 20 दिन में तैयार कर लेते हैं
Ananya soch: bollywood actor rakesh bedi
अनन्य सोच। bollywood actor rakesh bedi: बॉलीवुड एक्टर राकेश बेदी ने कहा ओटीटी को कहां-कहां सेंसर करेंगे आप? बडे पर्दें पर कई अटैक हुए और लांछन लगे. जब टेलीविजन आया था तो लोगों ने कहा था कि बड़ा पर्दो खत्म हो जाएगा. मेरे लिए तो फिल्में, सीरियल और थिएटर सब समान हैं और मैं किसी एक को चूज नहीं कर सकता हूं. बॉलीवुड एक्टर राकेश बेदी रविवार को जयपुर के रवींद्र मंच मीडिया से रूबरू हो रहे थे. इस दौरान उन्होंने कई समसामायिक मुद्दों पर बात करते हुए अपनी जर्नी शेयर की.
ओटीटी टैलेंट दिखाने का जरिया:
बेदी ने थिएटर के बारे में कहा, कि जो थिएटर करते हैं वे करते ही हैं. कुछ और आ जाने से उनको ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. बात की जाए ओटीटी की तो वह भी एक चैनल है पैसा कमाने या टैलेंट दिखाने का. फिर भी यदि आप थिएटर के लिए पेशेनेट हैं तो आप वो करोगे ही.
थिएटर नहीं लेता ज्यादा समय:
एक्टर ने थिएटर के बारे में कहा, कि ये भ्रम है कि थिएटर ज्यादा समय मांगता है. ऐसा कुछ भी नहीं है. आप एक प्ले 15 से 20 दिन में तैयार कर लेते हैं और फिर सिर्फ एक शाम आपसे थिएटर मांगता है जब आप उसे प्ले करते हैं. मैंने भी बहुत प्ले लिखे और डायरेक्ट भी किए हैं. देखा जाए तो थिएटर आपको लाइव रखता है. इससे आदमी के रिएक्शन शार्प रहते हैं.
सामाजिक मुद्दों पर नाटक होने चाहिए:
पेपर लीग पर नाटक बनने की जरूरत के सवाल पर उन्होंने कहा, कि हां ऐसे नाटक बनने की जरूरत है. नाटक समाज का दर्पण हैं और एक-दूसरे के प्रतिबिंब हैं.
उन्होंने अपनी पहली चॉइस के बारे में कहा, कि फिल्म, थिएटर और सीरीयल्स में से किसी एक को चुनने का मतलब है कि तीन बच्चों में से किसी एक को चुनना. मेरे लिए सब समान हैं और सबके लिए समय-समय पर काम करता हूं. मूवी, थिएटर अैर सीरियल सब अपनी-अपनी जगह पर हैं. कुछ हो सकते हैं जो सिनेमा और ओटीटी के बाद थिएटर को अवॉइड कतरे हो मगर मैं ऐसा नहीं करता.
यहां किया पार्टिसिपेट:
बेदी रवींद्र मंच पर 17वें कोलाज ऑफ किलकारी के कल्मिनेशन में रूबरू हो रहे थे. कला संस्कृति विभाग राजस्थान, ललित कला अकादमी, क्यूरियो चिल्ड्रंस थिएटर, रवींद्र मंच और हिमालयीय यूनिवर्सिटी उत्तराखंड की ओर से आयोजित कोलाज ऑफ किलकारी में बच्चों ने विभिन्न एक्टिविटी की. लगभग 90 स्टूडेंट्स ने रवींद्र मंच पर आउटडोर और मुख्य मंच पर क्रिएटिव नाटय प्रस्तुतियां दीं.