जेकेके की अनियमितताओं के खिलाफ कलाकारों का सड़क पर आक्रोश
भ्रष्टाचार, अवैध नियुक्तियों और भेदभाव पर उठी आवाज, दीया कुमारी को सौंपा ज्ञापन

Ananya soch
अनन्य सोच। राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले जवाहर कला केंद्र (जेकेके) को लेकर बुधवार को कलाकारों का आक्रोश फूट पड़ा. नाटक, नृत्य, संगीत, ललित कला, लोक कला और शास्त्रीय कला सहित विभिन्न विधाओं से जुड़े कलाकार संयुक्त रूप से सड़कों पर उतर आए और जेकेके प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. कलाकारों का आरोप है कि जेकेके में भ्रष्टाचार, अवैध नियुक्तियां, पदोन्नति-क्रमोन्नति घोटाले और डेपुटेशन पर टिके कर्मचारियों की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है.
ज्ञापन सौंपकर रखी मांगें
विरोध के दौरान कलाकारों के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री एवं कला संस्कृति मंत्री दीया कुमारी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. वरिष्ठ रंगकर्मी माधव सिंह ने जेकेके का पुराना संविधान लागू करने और गर्वनिंग काउंसिल गठित करने की मांग उठाई. कलाकारों ने स्पष्ट किया कि जेकेके का अस्तित्व तभी सार्थक होगा जब यह एक निष्पक्ष और पारदर्शी मंच बने, न कि अधिकारियों के व्यक्तिगत हितों का साधन.
पुलिस ने नहीं दी अनुमति, फिर भी जताया आक्रोश
कलाकारों ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने विरोध की अनुमति नहीं दी. जेएलएन मार्ग पर वीआईपी मूवमेंट का हवाला देते हुए प्रदर्शन से रोका गया. इसके बावजूद कलाकार जेकेके के पीछे वाले प्रवेश द्वार पर एकजुट हुए और “भ्रष्टाचार हटाओ, जेकेके को बचाओ”, “खाली वाउचर संस्कृति नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया.
कलाकारों ने लगाए गंभीर आरोप
रंगकर्मी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि जेकेके में वे कलाकार जो अनियमितताओं को उजागर करते हैं, उन्हें टारगेट किया जाता है और काम से दूर रखा जाता है. थिएटर आर्टिस्ट उज्जवल प्रकाश मिश्रा और अमित शर्मा ने आरोप लगाया कि जेकेके में भ्रष्टाचार और भेदभाव की शिकायतें बार-बार मुख्यमंत्री और मंत्रियों तक पहुंचाई गईं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई. कलाकारों ने मांग की कि जेकेके प्रशासन में बैठे अधिकारियों पर निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
अधिकारियों का पक्ष
इस बीच अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा ने कहा कि कलाकारों ने ज्ञापन सौंपा है और उनकी मांगों को सक्षम स्तर पर भेजा जाएगा. पदोन्नति और क्रमोन्नति के मामलों में विभाग ने पहले ही जवाब दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक किसी भ्रष्टाचार या घोटाले का स्पष्ट मामला सामने नहीं आया है, फिर भी कलाकारों की समस्याओं पर गंभीरता से काम होगा.
व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक लड़ाई
आयोजनकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह विरोध किसी व्यक्तिगत निमंत्रण का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि कला और कलाकारों के भविष्य की सामूहिक लड़ाई है. उन्होंने कहा कि कलाकारों की गरिमा और निष्पक्ष अवसर सुनिश्चित करना ही जेकेके का असली उद्देश्य होना चाहिए. यदि यह संस्थान कलाकारों का नहीं, बल्कि कुछ अधिकारियों के हित साधन का केंद्र बनता गया तो इसकी सांस्कृतिक महत्ता खत्म हो जाएगी.