classical music:कलाकारों ने सुर, लय और ताल में कई राग-रागनियों की गाई रचनाएं

classical music:दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत सभा का समापन

classical music:कलाकारों ने सुर, लय और ताल में कई राग-रागनियों की गाई रचनाएं

Ananya soch: classical music

अनन्य सोच। classical music: शास्त्रीनगर स्थित संगीत आश्रम संस्थान की ओर से संस्थान परिसर में चल रहे दो दिवसीय classical music सभा के आखिरी दिन संस्थान के अनेक  स्टूडेंट्स ने विभिन्न राग-रागनियों के सुर साधे. समाजसेवी सुरेन्द्र कुमार रत्नू ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम की शुरुआत की. वरिष्ठ संगीत निर्देशक अमित अनुपम के निर्देशन में सजे इस कार्यक्रम  में  संगीत के अनेक स्टूडेंट्स ने राग श्याम कल्याण, मारु बिहाग, जौनपुरी, बागेश्री, हमीर आदि रागों की बंदिशों को नजाकत से पेश कर अपनी तैयारी का पक्ष का उम्दा प्रदर्शन किया. सभी कलाकारों ने  सुर,लय और ताल की बेहतरीन बानगी दर्शाकर मौजूद श्रोताओं के दिलों को छू लिया.

कलाकार सुमित्रा अग्रवाल ने राग श्याम कल्याण में रचना पेश की. गर्विता मंगल ने तीन ताल मध्यलय में निबद्ध राग मारु बिहाग की रचना  कल ना परे तुम बिन श्याम..., गोपाल सिंह ने तीन ताल मध्यलय में निबद्ध राग जौनपुरी की रचना परिये पाय ना वाके सजनी..., भावना  व  लोकेश ने राग बागेश्री की बंदिश कौन करत तोरी विनती..., खुशबू कंवर व प्रीति कंवर ने तीन ताल मध्यलय में निबद्ध राग दुर्गा की रचना झिलमिल तारे झिलमिल..., वरुण जांगिड़ ने राग हमीर की रचना कैसे घर जाऊं लंगरवा को  सुरों की दकीकता से पेश कर नफीस गायकी से रूबरू कराया. इसी प्रकार राशिका कंवर व सौरभ ने राग तिलक कामोद, पुष्पेन्द्र सिंह ने राग जौनपुरी, लक्ष्य शर्मा ने राग भीमपलासी, राजवी उपाध्याय ने राग भूपाली और  कलाकार प्रीति प्रधान  और विमर्श स्वामी ने राग जोग की रचना  को पूरे मनोयोग से पेश किया। संचालन वीना अनुपम ने किया। हारमोनियम पर हरीश नागौरी  व तबले पर  वत्सल अनुपम ने  प्रभावी संगत की.